रांची हिंसा: सरकार ने HC को सौंपी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट, याचिका में NIA जांच की मांग

10 जून यानि शुक्रवार को नामाज के बाद हुई उपद्रव के मामले में सूबे की सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंप दी है.

author-image
Vineeta Kumari
New Update
ranchi hc

रांची हिंसा( Photo Credit : फाइल फोटो )

Advertisment

10 जून यानि शुक्रवार को नामाज के बाद हुई उपद्रव के मामले में सूबे की सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंप दी है. रिपोर्ट देखने के बाद जज ने कहा है कि मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होगी और पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही सुनवाई की जाएगी. बताते चलें कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. हाईकोर्ट में शुक्रवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा की एनआईए से जांच करने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इससे पहले हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि इस घटना के बारे में कोई खुफिया जानकारी पुलिस के पास थी या नहीं। कितनी गोली पुलिस में चलाई और उसमें कितने लोग घायल हुए और मरे इसकी भी जानकारी दी जाए.

कोर्ट ने ये सवाल भी पूछे थे
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी बताने को कहा था कि 10 हजार उपद्रवी एक समय में एक जगह कैसे जमा हो गए थे?  इतने पत्थर कैसे जमा हो गए? इसके अलावा हाईकोर्ट ने पुलिसिया एक्शन पर भी सवाल खड़े करते हुए पूछा था कि पुलिस ने गोली चलाने से पहले पानी का फव्वारा, आंसू गैस, लाठीचार्ज क्यों नहीं किया?

याचिका में की गई है एनआईए से जांच कराने की मांग
याचिकाकर्ता पंकज कुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट से मामले की एनआईए जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपियों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है.

याचिका में रांची की घटना को प्रायोजित बताते हुए घटना की जांच एनआईए से कराये जाने की मांग की गई है। साथ ही यह भी मांग की गई है कि इस बात का भी पता लगाया जाना चाहिए कि किस संगठन ने फंडिंग कर घटना को अंजाम दिया. याचिका के मुताबिक, नूपुर शर्मा के बयान पर जिस तरह से रांची पुलिस पर पत्थरबाजी हुई, प्रतिबंधित अस्त्र-शस्त्र के प्रयोग हुए, धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी की गई, यह प्रायोजित प्रतीत होती है.

Source : Shailendra Kumar Singh

hindi news jharkhand latest news NIA Ranchi violence Ranchi High Court
Advertisment
Advertisment
Advertisment