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सरायकेला में लाखों की लागत से लगा RO का प्लांट, फिर भी पानी को तरस रहे पर्यटक

झारखंड राज्य सुंदर पहाड़ों और झरनों के चलते हमेशा से पर्यटकों को लुभाता रहा है.

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Jatin Madan
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पर्यटकों को नहीं मिल रहा पीने का पानी.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

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झारखंड राज्य सुंदर पहाड़ों और झरनों के चलते हमेशा से पर्यटकों को लुभाता रहा है. वाइल्ड लाइफ में रुचि रखने वालों के लिए भी झारखंड स्वर्ग से कम नहीं, लेकिन प्रकृति का सुंदर तोहफा मिलने के बाद भी झारखंड का ज्यादातर पर्यटन स्थल पर्यटकों की बाट जोहता है और इसका सबसे बड़ा कारण है पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं का ना होना. सरायकेला के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में इन दिनों भीषण गर्मी के बीच पर्यटकों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा.

ऐसा नहीं है कि पर्यटकों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की गई है. यहां आरओ के पानी के लिए फिल्टर प्लांट लगवाया गया. जिसकी लागत लाखों में है. बावजूद आश्रयणी में घूमने आए लोगों को पानी नहीं मिल पाता. मुसीबत इसलिए भी ज्यादा होती है क्योंकि इंट्री गेट पर ही घूमने आने वालों से खाने पीने का सभी सामान जब्त कर लिया जाता है. यानी कोई भी पर्यटक खाने पीने का कोई सामान अंदर नहीं ले जा सकता. ऐसे में उनके लिए पानी का इंतजाम ना होना प्रबंधन पर सवाल खड़े करता है. इस भीषण गर्मी के बीच पर्यटक पानी के लिए तरसने को मजबूर हो जाते हैं.

हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी पर्यटकों के लिए बेहद खास है. क्योंकि सरायकेला खरसांवा जिले के चांडिल अनुमंडल में बसे इस आश्रयणी में हाथी तो रहते ही हैं साथ में कई तरह के अनोखे पेड़ और पौधे भी देखने को मिलते हैं. दलमा में जड़ी-बूटी के पौधे से लेकर लाल गिलहरी, मोर, भालू समेत कई जीव-जंतु पाए जाते हैं. यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, ना सिर्फ झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों यहां तक की विदेशों से भी लोग आते हैं. पर्यटकों की संख्या देखने के बाद ही यहां RO प्लांट लगवाया गया था, लेकिन कुछ दिन चलने के बाद ही ये आरओ प्लांट कबाड़ में तब्दील हो गया.

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प्रबंधन की लापरवाही का दंश पर्यटक झेलने को मजबूर हैं. लाखों की लागत में लगवाए गए इस RO प्लांट का केयरटेकर नदारत रहता है. कबाड़ में तब्दील प्लांट को ठीक करवाना तो दूर, देखने वाला भी कोई नहीं है. घूमने आने वाले पर्यटक बोतल का पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं. जब वन विभाग के अधिकारी से इसको लेकर सवाल किया गया तो पहले तो अधिकारी अपनी बड़ाई करने लगे, लेकिन जैसे ही खराब आरओ प्लांट पर बात आई तो पहले तो चुप्पी साध ली फिर बगले झांकने लगे. हालांकि बाद में सभी प्लांट को ठीक कराने का आश्वासन जरूर दिया.

ऐसा पर्यटन स्थल जो बड़ा पर्यटन हब बन सकता है वहां अधिकारियों की लापरवाही के चलते पर्यटकों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लंबे समय से खराब प्लांट पर तब तक अधिकारियों की नजर नहीं गई जब तक मीडिया ने मुद्दे को नहीं उठाया, तो सवाल उठता है कि क्या अधिकारी इसी इंतजार में बैठे थे कि कोई आए और उन्हें उनकी जिम्मेदारी याद दिलाए. बहरहाल अब आश्वासन पर सुनवाई कब तक होती है, ये देखने वाली बात होगी.

रिपोर्ट : बीरेंद्र मंडल

HIGHLIGHTS

  • पर्यटन स्थल में बदइंतजामी 
  • पर्यटकों को नहीं मिल रहा पीने का पानी 
  • लाखों की लागत से लगा RO का प्लांट 
  • बावजूद पानी को क्यों तरस रहे पर्यटक?
  • असुविधाओं की भरमार... कौन जिम्मेदार?

Source : News State Bihar Jharkhand

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