धनबाद के झरिया में सड़कों की बदहाली निगम प्रशासन की पोल खोल रही है. शहर में पहली ही बारिश के बाद सड़कों की हालत ऐसी हो गई है कि सड़कों पर चलना भी हादसे को दावत देने के बराबर है. यहां सालों से सड़कों की मांग की जा रही है, लेकिन शासन-प्रशासन को इलाके की कोई सुध ही नहीं है. धनबाद में हल्की बारिश ने ही निगम प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है. जहां बारिश के बाद सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है. जगह-जगह जलभराव ऐसा कि मानों सड़क पर चलना भी हादसे को दावत देना है.
बदहलात सड़क की ये तस्वीर झरिया शहर की है. हैरत की बात ये कि इलाके में सालों से सड़क की हालत यही है. लोग बार-बार पक्की सड़क की मांग करते हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिलता. जब स्थानीय लोगों कभी सड़कों पर उतर जाते हैं तो प्रशासन की ओर से गड्ढ़ों में मिट्टी भर दी जाती है. जो कि अगली ही बारिश में बह जाती है और सड़कों की हालत जस के तस रहती है.
शुक्रवार और शनिवार को हुई हल्की बारिश ने भी झरिया की सड़कों की बदहाली सबके सामने रख दी. जहां सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढ़ों ने आवाजाही को दूभर कर दिया. लोग जान को जोखिम में डालकर सड़कों को पार करते दिखे. आपको ये जानकर और हैरानी होगी कि ये सड़क झरिया से धनबाद को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है, लेकिन इसकी बदहाली शासन-प्रशासन को नहीं दिखती. अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है.
दरअसल इस इलाके में बीसीसीएल समेत कई आउटसोर्सिंग कम्पनियों से बड़े-बड़े डंपरों से माल लोड कर लाया जाता है. इनमें से ज्यादातर डंपरों में क्षमता से ज्यादा ओवरलोडिंग की जाती है. जिसके चलते सड़कें जर्जर हो जाती हैं, लेकिन जो बड़ा सवाल उठता है वो ये कि आखिर जनता को कब तक बदहाल सड़कों का दंश झेलना होगा? शासन-प्रशासन की नींद कब खुलेगी? बहरहाल सवाल कई हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसका जवाब कब तक देते हैं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट : नीरज कुमार
Source : News Nation Bureau