सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आने वाले साहिबगंज जिले की आदिवासियों की जुबां से इन-दिनों हेमंत सोरेन मुर्दाबाद, हेमंत सोरेन मुर्दाबाद, हेमंत सोरेन गद्दी छोड़ो के नारे से गूंज रहा है. आपको बता दें कि नारा लगाने वाले बरहेट के यह वही आदिवासी समुदाय के लोग हैं, जिन्होंने कभी हाथ में झारखंड मुक्ति मोर्चा का झंडा लेकर हेमंत सोरेन जिंदाबाद और शिबू सोरेन जिंदाबाद के नारा लगाए थे. दरअसल, बरहेट पतना, बोरियो व मंडरो सहित पूरे जिले के आदिवासियों का आरोप है कि हेमंत सरकार ने सबसे पहले 1932 आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति, सीएनटी एक्ट व एसपीटी एक्ट के आधार पर वोट लिया.
सोरेन सरकार से नाखुश आदिवासी समुदाय
वहीं, चुनाव जीतने के बाद हेमंत सरकार ने एक भी वैसे काम नहीं किए, जो उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था. साथ ही हेमंत सरकार ने इस राज्य के युवाओं को नौकरी देने की भी बात कही थी, लेकिन हेमंत सरकार ने ना तो नौकरी दी, बल्कि 40-60 के नियोजन नीति लागू करके झारखंड के हक व अधिकार का भी हनन कर रहा है. यहां तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नाराज आदिवासियों ने यह भी कह दिया है कि यदि समय पर यह हेमंत सरकार हमलोगों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाले 2024 की चुनाव में बरहेट विधानसभा क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा का पत्ता साफ है.
2024 के चुनाव में नहीं करने देंगे राज्य में प्रचार
आगे कहा कि हमलोग वोट तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को देंगे ही नहीं, बल्कि झारखंड में उनका प्रचार प्रसार तक करने नहीं देंगे. वहीं हेमंत सरकार के प्रति गुस्साए साहिबगंज जिले के आदिवासी समुदाय के लोगों का जोरदार झटका क्या सीएम हेमंत सोरेन को 2024 की चुनावी दंगल में लगेगा? या तो फिर समय रहते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इनकी मांगों को पूरा करने में सक्षम होंगे.
HIGHLIGHTS
- CM सोरेन के खिलाफ लगाए नारे
- साहिबगंज में आदिवासी समुदाय के लोगों में आक्रोश
- हेमंत सोरेन मुर्दाबाद के लगाए नारे
Source : News State Bihar Jharkhand