झारखंड के सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत किसी से भी छुपी नहीं है. लोग यहां इलाज कराने से भी डरते हैं. उन्हें लगता है कि वो किसी निजी संस्थान में चले जाए जहां उनका बेहतर इलाज होगा मगर साहेबगंज जिले में सीएस रामदेव पासवान की देखरेख में सदर अस्पताल की सूरत ही बदल गई है. जिसका लाभ अब यहां के लोगों को हो रहा है लोगों का भरोसा धीरे धीरे सदर अस्पताल पर हो रहा है. इसका उदाहरण भी देखने को मिला है जहां एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद उसे बरहेट सीएचसी ले जाया गया जहां से महिला को सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया लेकिन परिजनों को सदर अस्पताल पर भरोसा नहीं था वो उसे भागलपुर ले जा रहे थे बहुत समझाने के बाद परिजन महिला को लेकर सदर अस्पताल आए जहां उसका सफल ऑपरेशन हुआ.
दरअसल, बरहेट प्रखंड क्षेत्र के धर्मपुर गांव के राजकुमार तुरी की पत्नी रेहमत मुर्मू जो गर्भवती थी. अचानक उसके पेट में दर्द शुरू हो गया जिसके बाद परिजन उसे बरहेट सीएचसी में ले गए जहां चिकित्सकों ने महिला की तबियत बिगड़ता देख उसे बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में रेफर कर दिया. जिसके बाद सदर अस्पताल में जांच के बाद उन्हें बताया गया कि गर्भस्थ में ही शिशु की मौत हो गई है. गरीब होने के बावजूद इस स्थिति में परिजन उसे ट्रेन से भागलपुर लेकर जा रहे थे क्योंकि उन्हें सरकारी व्यवस्था पर विश्वास नहीं था. वहीं, परिस्थिति की जानकारी होने पर जिले के सीएस डॉ रामदेव पासवान की पहल पर जिले के सदर अस्पताल में ही डॉ. प्रभात मल्लिक और डॉ. किरण माला के द्वारा ऑपरेशन कर महिला के गर्भ में मृत नवजात शिशु को बाहर निकाल कर सफल ऑपरेशन कर महिला की जान बचाई गई. महिला के भाई सुखदेव हांसदा ने बताया कि सीएस के समझाने के बाद हम लोग स्टेशन से लौटकर सदर अस्पताल आये थे जहां उनकी बहन का सफल ऑपरेशन हुआ. वहीं, सीएस रामदेव पासवान ने बताया कि साहेबगंज सदर अस्पताल में बेहतर सुविधा उपलब्ध है, लोगों को बस अब जागरूक होने की जरूरत है.
रिपोर्ट - गोविंद ठाकुर
Source : News State Bihar Jharkhand