सरायकेला में कुछ घंटों की बारिश ने प्रशासन की पोल खोल कर रख दी है. जहां जिले के जगरनाथपुर के बोलाईडीह की लगभग सभी गलियां दलदल में तब्दील हो गई है. लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है. दूसरी ओर जलजमाव के बाद अब लोगों को बीमारियों का डर भी सताने लगा है. अगर प्रशासन की ओर से विकास के नाम पर कोई काम शुरू किया जाता है तो जरूरत है कि समय से उस काम को पूरा भी किया जाए. नहीं तो विकास की ये पहल जनता के लिए श्राप बन जाती है. सरायकेला के बोलाईडीह की तस्वीरें इसी का उदाहरण है. यहां नगर पंचायत की ओर से गलियों को पक्का करने का काम शुरू किया गया, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. नतीजा ये रहा कि बारिश के बाद सभी गलियों की सड़कें दलदल बन गई हैं. अब इन गलियों में लोगों की आवाजाही तो दूर घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है.
गड्डे ही गड्डे
हालांकि जलजमाव की परेशानी यहां के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है. टाटा कांड्रा मेन रोड का पानी बह कर सीधे गांव की सड़कों पर जमा हो जाता है और बची कुची कसर नगर पंचायत की ओर से सड़कों पर छोड़े गए गड्ढे पूरी कर देते हैं. पक्कीकरण के दौरान काम पूरा ना होने से कई जगहों पर गड्डे हैं. जहां पानी जमा होकर लोगों के घरों तक पहुंच जाता है. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अधूरा छोड़ दिया काम
पंचायत समिति के सदस्य और समाजसेवी अमरेश सिंह की मानें तो नगर पंचायत की ओर से लगभग सभी गलियों में काम अधूरा छोड़ दिया गया है. नगर पंचायत के अधिकारियों से सर्म्पक करने पर उन्हें ये कहकर आश्वासन दे दिया जाता है कि अभी पैसा नहीं है जैसे ही पैसा आएगा काम पूरा हो जाएगा. इतना ही नहीं इसकी शिकायत मुखिया और नगर निगम के अधिकारियों को भी दी गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में लोगों का कहना है कि रामनवमी के झंडे को इस गंदगी में नही उठाएंगे.
बीमारियों का डर
बोलाईडीह में प्रशासन की अनदेखी लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है. जलजमाव से आवाजाही तो ठप है कि लोगों को बीमारियों का डर भी सताने लगा है, लेकिन अधिकारी है कि उन्हें आश्वासन देने से फुरसत ही नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों की इस परेशानी पर जिम्मेदार अधिकारियों की नजर कब तक पड़ती है ये देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट : विरेन्द्र मंडल
HIGHLIGHTS
- सरायकेला में गड्डे ही गड्डे
- अधूरा छोड़ दिया काम
- बीमारियों का डर
Source : News State Bihar Jharkhand