झारखंड हाईकोर्ट से निशिकांत दुबे को झटका मिला है. झारखंड हाईकोर्ट ने शिव बारात को लेकर जिला प्रशासन के आदेश को सही माना है. हाईकोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की पीआईएल को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद महाधिवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले से जो रूटचलता आ रहा है उसी को जिला प्रशासन ने फॉलो किया था. दूसरे रास्ते से विधि व्यवस्था का मामला बनता है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और कोर्ट ने माना कि जिला प्रशासन को रूट तय करने का अधिकार है.
कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन के पूर्व निर्धारित रूट से ही शिव बारात निकलेगी. निशिकांत दुबे की याचिका को निष्पादित करते हुए पीआईएल पर इंटरफेयर करने से कोर्ट ने इंकार किया और खारिज कर दी. 1994 से जो परंपरा चली आ रही है उसी अनुरुप शिव बारात निकलेगी.
रात्रि शिव बारात समिति के अध्यक्ष व पदाधिकारियों के साथ पूरे रुट लाइन का जायज़ा लिया । वाक़ई देवघर में स्वर्ग उतर आया है । देवघर भव्यता के साथ साथ भक्ति में डूबा हुआ है । देवघर आइए व भगवान शिव के बाराती बनिए pic.twitter.com/gcWOUwTlZe
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 17, 2023
देवघर में धारा 144 लागू
आपको बता दें कि देवघर में शिव बारात को लेकर संग्राम छिड़ गया है. देवघर में महाशिवरात्रि के मौके पर निकलने वाली शिव बारात को लेकर जिला प्रसाशन की तरफ से जारी आदेश के खिलाफ गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे हाईकोर्ट चले गए थे. जहां आज हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. दरअसल देवघर के सदर SDO दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है. इसके अलावा जिला प्रसाशन की तरफ से पुराने रूट से ही शिव बारात के आयोजन की इजाजत दी गई है. यानी, महाशिवरात्रि कमेटी ने जो रूट तय किया था उसपर जिला प्रसाशन ने रोक लगा दी है. जिसके बाद से ही निशिकांत दुबे इस मुद्दे पर हेमंत सरकार को घेरने में जुटे थे. हेमंत सरकार को हिन्दू विरोधी बताते हुए सांसद ने कहा था कि हेमंत सोरेन तुष्टिकरण की राजनीती कर रही है.
सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते सांसद : मिथलेश ठाकुर
मंत्री मिथलेश ठाकुर ने हाईकोट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सांसद तीसरे बार के सांसद हैं, लेकिन इस तरह के मुद्दे को उठाकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं. आम व्यक्ति भी इस तरह के मुद्दे को लेकर सोच सकता है. न्यायलय में उनके विरुद्ध फैसला हुआ है. उन्हें अपने क्षेत्र के विकास और जनता की जरूरत पर ध्यान देना चाहिए, न कि इस तरह के विवादित कदम उठाकर राज्य में इस तरह के माहौल बनाने से बाज आना चाहिए. वहीं, जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि उनको इस फैसले से सबक लेना चाहिए. अब आगे बेवजह इस तरह के मामले लेकर कोर्ट का वक्त जाया करने वाले पर कोर्ट को भी जुर्माना लगाना चाहिए.
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HIGHLIGHTS
- झारखंड हाईकोर्ट से निशिकांत दुबे को झटका
- शिव बारात को लेकर जिला प्रशासन का आदेश सही- HC
Source : News State Bihar Jharkhand