सर्दियों के आते ही रांची के बाजारों में तिलकुट की सोंधी महक फैलने लगी है. ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए इसके कारीगर अपने हाथों को तेज चलाने लगे हैं. बाजारों में तिल की सोंधी-सोंधी खुशबू फैली हुई है. मकर संक्रांति का त्यौहार नजदीक है. तिलकुट और तिल से बनी मिठाईयों के व्यापारी इसकी तैयारी में जुट गए हैं. हालांकि, रांची में कई ऐसे व्यापारी हैं जो सालभर इसके चाहने वालों को तिलकुट उपलब्ध कराते रहते हैं, लेकिन मकर संक्रांति की तो बात ही कुछ और है. सर्दियों का मौसम आते ही तिलकुट की डिमांड काफी बढ़ जाती है. रांची के प्रसिद्ध तिलकुट व्यापारी बीरेंद्र गुप्ता इस एक सीजन में करीब पांच टन से अधिक तिलकुट का व्यापार करते हैं.
बीरेंद्र बताते हैं कि उनके यहां तीन वेरायटी की तिलकुट बनती है, लेकिन गुड़ से बनी तिलकुट को लोग ज्यादा पसंद करते हैं. रांची के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉक्टर राजेश कुमार बताते हैं कि काला तिल हो या फिर पीला तिल, दोनों ही गुणों की खान हैं. इसमें कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. खासकर, सर्दियों में इसका सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद है. सेहत के लिए लाभकारी होने के कारण भारतीय परिवारों में इसकी उपयोगिता तो है ही, हमारी संस्कृति में भी यह रचा-बसा है. कई पर्व-त्यौहार और अनुष्ठान इसकी उपस्थिति के बिना पूरे नहीं होते हैं.
आपको बता दें कि रांची समेत राज्य के कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप देखने को मिल रहा है. राज्य के लगभग सभी हिस्सों में सर्द हवाओं का असर दिखने को मिल रहा है. मौसम विज्ञान ने आने वाले एक दो दिनों तक कोहरा और ठंड के बने रहने का अलर्ट भी जारी किया है. लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.
रिपोर्ट : मेहक मिश्रा
HIGHLIGHTS
- मकर संक्रांति का त्यौहार नजदीक
- बाजार में तिलकुट की अच्छी डिमांड
- कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप
Source : News State Bihar Jharkhand