बोकारो में बर्ड फ्लू की दस्तक से हड़कंप, जानिए अंडे-चिकन खाना कितना सेफ?
बोकारो में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद शासन-प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र सरकारी फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हालातों का जायजा लेने केंद्रीय टीम बोकारो पहुंची.
बोकारो में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद शासन-प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र सरकारी फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हालातों का जायजा लेने केंद्रीय टीम बोकारो पहुंची. टीम ने राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र पहुंचकर पशुपालन पदाधिकारी से मिलकर हालातों की जानकारी ली. इस दौरान टीम ने जिले के डॉक्टर्स और तमाम अधिकारियों के साथ बातचीत भी की और बीमारी के प्रसार से निपटने के लिए किए गए कामों के बारे में जानकारी ली. इसको लेकर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार मणि ने बताया कि केंद्र की ओर से गठित पशुपालन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम कोलकाता और दिल्ली से आई है, जो जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक 3 फरवरी से ही यहां मुर्गियों के मरने की शुरुआत हुई थी. उसके बाद जांच के लिए 2 सैंपल रांची और कोलकाता भेजा गया था. जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. फिलहाल 130 मुर्गों को मार दिया गया है.
मुर्गा खाने से बचे
आपको बता दें कि बर्ड फ्लू के चलते कई दिनों से मुर्गियों की मौत का सिलसिला जारी है. बोकारों में लगभग 150 छोटे-बड़े पोल्ट्री फार्म हैं. प्रशासन के द्वारा लगभग सभी पोल्ट्री फार्म में सैंपलिंग की जा रही है. प्रशासन ने सभी पोल्ट्री फार्म संचालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. अगर उनके फार्म में भी मुर्गियों की मौतें देखी जाती है तो तुरंत ही सूचना देने के लिए कहा गया है. इलाके के लोगों से भी अपील की गई है कि आने वाले कुछ दिनों में मुर्गा खाने से बचे.
कोरेंटीन करने के निर्देश
इसके साथ ही अधिकारियों ने पोल्ट्री फार्म चलाने वाले लोगों को कुछ दिन के लिए खुद को कोरेंटीन करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि अभी पैनिक होने की जरूरत नहीं है, अभी हालात काबू में है, बस बचाव करने की जरूरत है. क्षेत्र में कार्यरत डॉक्टर्स के स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है. इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि बर्ड फ्लू के किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचे.