मनी लांड्रिंग मामले में आरोपों का सामना कर रहीं झारखंड की वरिष्ठ आईएएस अफसर पूजा सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत देने की गुहार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर कल यानि 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा. इससे पहले 3 नवंबर 2022 को आईएएस पूजा सिंघल की जमानत याचिका रांची हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि पूजा सिंघल को जमानत देने के लिए बचाव पक्ष की तरफ से पेश की गई दलीलों में से एक भी दलील ऐसी नहीं है जिसके आधार पर पूजा सिंघल को जमानत दी जाए.
रांची हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने पूजा सिंघल को जमानत देने से इन्कार करते हुए जमानत देने से मना कर दिया था और जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त एक आइएएस पूजा सिंघल को जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है, इसलिए पूजा सिंघल की जमानत याचिका खारिज की जाती है. ईडी की विशेष कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूजा सिंघल ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल जमानत देने की गुहार लगाई थी और अब हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद पूजा सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई है.
हाईकोर्ट में जमानत के लिए पूजा सिंघल द्वारा अपनी बीमारियों का हवाला दिया था साथ ही ये भी दलील दी गई थी कि जब भी ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाएगी वो हाजिर रहेंगी. साथ ही ये भी कथन किया था कि ईडी की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यहीन हैं और उसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है. बता दें कि 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
क्या पूजा सिंघल को मिल सकती है बेल?
किसी भी आरोपी को जमानत तब मिलती है जब जांच पूरी हो चुकी रहती है या फिर अदालत को लगता है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं है तो आरोपी को जमानत मिल जाती है. किसी भी मामले में विवेचक द्वारा कोर्ट में सौंपी जाने वाली सीडी यानि केस डायरी का बेहद अहम योगदान. सीडी ही आरोपी को अधिक समय तक सलाखों के पीछे रखने में अभियोजन पक्ष की मदद करती है. अगर सीडी में वर्णित आरोपों में दम नहीं लगता है तो आरोपी को चार्जशीट दाखिल होने से पहले भी जमानत मिल जाती है. हालांकि, आईएएस पूजा सिंघल के मामले में ईडी द्वारा बहुत पहले ही ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
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ईडी की विशेष अदालत द्वारा चार्जशीट में ईडी द्वारा वर्णित तथ्य़ों को दृष्टिगत रखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी थी और बाद में हाईकोर्ट ने भी खारिज कर दी. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ही पूजा सिंघल को जमानत दे सकता है. हालांकि, हाईकोर्ट के पास भी पूजा सिंघल को जमानत देने का अधिकार अभी भी है लेकिन इसके लिए पूजा सिंघल को हाईकोर्ट के समक्ष दूसरा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना पड़ता.
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अगर कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने का पूरा अधिकार है, क्योंकि विवेचना पूरी की जा चुकी है और ईडी द्वारा बहुत पहले चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. वहीं, हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ही पूजा सिंघल के पास अंतिम विकल्प था अब वो दोबारा हाईकोर्ट में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत याचिका नोट प्रेस किए बिना जमानत याचिका दाखिल नहीं कर सकतीं. कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट से पूजा सिंघल को जमानत मिलना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, ये हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर अंतिम निर्णय लेने से पहले संबंधित अभियोजन पक्ष यानि ईडी से विवेचना से जुड़े रिपोर्ट मांग सकती है और इसके लिए पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुनवाई कुछ समय के लिए टाल सकती है.
बहरहाल, पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट जमानत देती है या कुछ समय के लिए उनकी जमानत टालती है ये कल यानि 12 दिसंबर को पता चलेगा.
HIGHLIGHTS
. 11 मई 2022 से जेल में बंद हैं IAS पूजा सिंघल
. जमानत याचिका पर SC में सुनवाई कल
Source : Shailendra Kumar Shukla