बूढ़ा पहाड़ पर CRPF के जवान नक्सलियों के अड्डे पर कहर बन टूट रहे हैं. नक्सलियों के चंगूल से हाल ही में मुक्त हुआ बूढ़ा पहाड़ से सुरक्षा बलों को भारी मात्रा में हथियार बरामद हो रहे हैं. वहीं, एक बार फिर से CRPF के जवानों को बड़ी कामयाबी मिली है. सुरक्षा बलों की ये कामयाबी ऐसी है जिसे सुनकर सभी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है. जो भी बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त होने की खबर सुन रहा है सुरक्षा बलों की तारीफ करते नहीं थक रहा है. झारखंड के कई इलाके में कई दशकों से पैर पसार चुके माओवादियों के पैर अब उखड़ने लगे हैं.
शान से लहरा रहा तिरंगा
नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में CRPF के जवान नक्सलियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं. अब हालात ये हो चुके हैं कि नक्सली अपना गढ़ छोड़कर भागने लगे हैं या CRPF के जवानों के हाथों मारे जा रहे हैं. नक्सलियों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई से नक्सलियों के चारो खाने चित हो चुके हैं और इसका जीता जागता और ताजा उदाहरण है लातेहार का बूढ़ा पहाड़. जहां जवानों के अदम्य साहस के बदौलत नक्सली अपने गढ़ को छोड़कर फरार हो चुके हैं. कभी नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाला बूढ़ा पहाड़ आज नक्सलियों के आतंक से मुक्त हो चुका है.
नक्सली हुए चित्त
अब बूढ़ा पहाड़ से नक्सलियों का वजूद खत्म हो चुका है. अब सीआरपीएफ के जवान अब नक्सलियों के निशान को भी बख्सना नहीं चाह रहे हैं. जिसको लेकर जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. मानों लाल आंतक के आधार को नेस्तनाबूद करने के लिए CRPF के जवान कसम खा चुके हैं. जिसके लिए जवान लगातार जंगलों की खाख छान रहे हैं. इसी का नतीजा है कि सुरक्षा बलों के जवानों को बूढ़ा पहाड़ के इलाके से लगातार कामयाबी मिल रही है. आपको बता दें कि इस इलाके में झारखंड पुलिस और CRPF का लंबे समय से ऑपरेशन OCTOPUS चल रहा है और इसमे लगातार सफलता भी हाथ लग रही है. सुरक्षा बलों ने एक बार फिर बूढ़ा पहाड़ के इलाके से कई अत्याधुनिक हथियार एवं गोलियां बरामद किया है.
भारी मात्रा में हथियार बरामद
भारी मात्रा में आईईडी बम
भारी मात्रा में गोला बारूद
करीब 300 की संख्या में कारतूस
एक लाइट मशीन गन
7.62 MM की दो SLR
5.56 MM की एक इंसास राइफल
10 किलो का आईईडी बम
74 की संख्या में सिलेंडर बम
पहाड़ पर अब विकास की बहार
कभी नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला बूढा पहाड़ पर अब शांति है. कभी नक्सलियों की गोली की आवाज से गूजने वाला पहाड़ और शांति से अपना सीना ताने खड़ा है. कुछ दिन पहले ही यहां सुरक्षा बलों ने माओवादियों को खदेड़ कर अपना कब्जा जमाया है. कई जवानों की शहादता के बाद अब देश की आजादी के बाद पहली बार तिरंगा झंड़ा लहराया गया है. जवानों की अथाह मेहनत का ही परिणाम है कि खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 27 जनवरी को बूढ़ा पहाड़ में तिरंगा झंडा फहराया. वो पल सिर्फ तरंगा फहराने के लिए खास नहीं था. बल्कि वो शान से लहराता तिरंगा इस इलाके से माओवादियों के खत्म होने का गवाह था. बूढ़ा पहाड़ इलाके के विकास के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 100 करोड़ रुपये खर्च करने का भी ऐलान कर दिया है. कूल मिलाकर कहे तो जिस इलाके में कभी गोलियों की गुंज सुनाई देती थी. अब वहां विकास का अलख जगेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बूढ़ा पहाड़ के दौरे के बाद सुरक्षा बलों का अभियान और भी तेज़ हो गया है. लिहाज़ा लगातार इन इलाकों से सफलता हाथ लग रही है.
बहरहाल जिस तरह से बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलों ने माओवादियों को बैकफुट पर भेजकर कब्जा जमा लिया है और लगातार उस इलाके में ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उससे एक बात तो साफ है कि जल्द ही बूढ़ा पहाड़ का पूरा इलाका माओवाद और बारूद की ढेर से मुक्त हो जाएगा और वहां के ग्रामीण खौफ के साया से बाहर निकलकर शांति से जीवन जी सकेंगे.
रिपोर्ट : गोपी सिंह
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HIGHLIGHTS
- नक्सलियों के गढ़ में जवानों की सर्जिकल स्ट्राइक
- नक्सली डाल-डाल तो वीर जवान पात-पात
- जवानों के पराक्रम के आगे नक्सली हुए चित्त
- नक्सलियों के गढ़ में शान से लहरा रहा तिरंगा
- नक्सलियों के पहाड़ पर अब विकास की बहार
- पहले नक्सली भागे अब हथियार हो रहे बरामद
Source : News State Bihar Jharkhand