अपनी पुरानी मांगों को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले आज हजारों शिक्षक आज मोरहाबादी मैदान रांची पहुंचे. शिक्षक अपनी चार सुत्री मांगो के साथ मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. उसके बाद तमाम शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए. इन शिक्षकों की जो चार सुत्री मांग है उनमें सबसे पहली मांग है कि उनसे शिक्षण के अलावा गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए. जनगणना, मिड डे मिल या फिर दूसरे सर्वेक्षण कार्यों से इन्हें अलग रखा जाए.
इसके अलावा उनके 6ठें वेतनमान में जो विसंगतियों हैं उसे दूर किया जाए. MACP के तहत जो राज्य सरकार के अन्य कर्मियों का वेतन तय है उसी तर्ज पर शिक्षकों का वेतन तय हो. साथ ही अंतर जिला स्थांतरण पर तत्तकाल रोक लगाई जाए. इन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए ये लगातार आंदोलनरत है, लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही है. ऐसे में वो दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में भूख हड़ताल पर चले जायेंगे. इनका कहना है कि अभी भी वक्त है सरकार उनकी मांगों को गम्भीरता से समझे और निदान करने के दिशा में कदम बढ़ाए, नहीं तो बड़ा आंदोलन होगा.
आपको बता दें कि शिक्षकों ने अपनी मांगों को रखने के लिए 4 चरणों का एक आंदोलन चलाया है. इसके एक चरण में शिक्षकों ने कई सांसदों और विधायकों को मांगपत्र सौंपा था. आज तृतीय चरण में रांची कूच किया गया है. अगर समय रहते इनकी मांगे नहीं मांगी गई तो अपने आंदोलन के चौथे चरण के तहत ये शिक्षक दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में फिर एक बार रांची आकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे. साथ ही आपको बता दें कि इस आंदोलन में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ को झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, धनबाद ने भी समर्थन दिया है.