पड़ोसी राज्य बिहार के छपरा में जातिगत मारपीट की आग अभी थमी भी नहीं कि गोड्डा में भी कुछ इसी तरह की घटना सामने आई. फर्क सिर्फ इतना है कि यहां किसी की मौत नहीं हुई है. दरअसल, गोड्डा जिला मुख्यालय के गांधी मैदान में 12 से अधिक की संख्या में पुरुष व महिला दिख रहे हैं. ये सभी पोडैयाहाट थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव के लोग हैं. बुधवार की शाम मानिकपुर में लगने वाली साप्ताहिक ग्रामीण हाट में ये लोग अपनी दुकान लगाते हैं. बीते दिन भी सभी ने अपनी दुकान लगाई थी. इन्हीं की दुकान में एक दबंग शख्स आकर उधार आटा की मांग करता है, जिसपर दुकानदार ने कहा कि पहले वाला बकाया दो तब आटा देंगे.
दबंगों का आतंक
इतनी सी बात थी कि दबंग दुकानदार से उलझ पड़े. अब दुकानदार की मदद को और भी साथी दुकानदार आये तो उस शख्स ने अपने और भी साथियों को फोन कर बुलाया और इन दुकानदारों के संग जमकर मारपीट भी की और इनके सामानों को बिखेर दिया. जब ये लोग एक गाड़ी में बैठकर वहां से भागने का प्रयास किया तो उस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया.
गांधी मैदान में बिताया रात
किसी तरह जान बचाकर सभी लोग पोडैयाहाट थाना पहुंचे और शिकायत दर्ज करवाई. थाना में भी फोन कर इन्हें धमकी दी गई कि गांव लौटेंगे तो फिर मारेंगे. इसी भय से सभी लोग वहां से बीस किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पहुंचे और रात गांधी मैदान में गुजारी. आज इनलोगों ने गांधी मैदान में बताया कि थाना वालों ने कोई कार्रवाई नहीं की है और आज भी उन्हें फोन पर धमकियां मिल रही है.
इधर मामले पर गोड्डा एसपी से जब पूछा गया तो उन्होंने थाना प्रभारी से बात कर बताया कि पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. मगर सवाल ये उठता है कि जब मामला गंभीर हो तो फिर थानेदार खुद से त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं करते, क्यों एसपी के संज्ञान में आने के बाद ही ये थानेदार हरकत में आते हैं.
HIGHLIGHTS
- गोड्डा में दबंगों का आतंक
- गांधी मैदान में रात बितान को मजबूर
- थानेदार नहीं कर रहे त्वरित कार्रवाई
Source : News State Bihar Jharkhand