मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राजधानी रांची के कोर कैपिटल एरिया में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखते हुए कहा कि झारखंड व्यापक संभावनाओं वाला राज्य है. इस कड़ी में यहां के औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को देश-दुनिया से जोड़ने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषकर निर्यात संवर्धन से संबंधित तमाम गतिविधियां एक ही छत के नीचे से संचालित होंगी. यह सेंटर यहां की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से संपन्न राज्य है, यहां कोयला-लोहा से लेकर यूरेनियम तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.
इस वजह से यहां औद्योगिक गतिविधियां दशकों से चली आ रही है. टाटा, बिड़ला और डालमिया समेत कई औद्योगिक व्यावसायिक समूह के उद्योग और कंपनियां यहां स्थापित है. देश के उद्योगों को खड़ा करने वाला और "मदर फैक्ट्री" के नाम से दुनिया में विख्यात एचईसी इसी रांची में है. इन उद्योगों को अब व्यापार-निर्यात से जुड़ी सारी सुविधाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के माध्यम से देने की दिशा में राज्य में कदम बढ़ा दिया है. अब ये कदम रुकेंगे नहीं बल्कि अनवरत आगे बढ़ेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की विशेष प्राथमिकताओं में शामिल है.
यहां के ग्रामीण परिवेश में लोग विविध गतिविधियों में जुड़े हुए हैं. इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कई योजनाओं को शुरू किया गया है. इस सिलसिले में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को पलाश ब्रांड के माध्यम से बाजार में लाया गया है. ये उत्पाद बड़े-बड़े मॉल और शॉपिंग कंपलेक्स में मिल रहे हैं. पलाश ब्रांड के टर्नओवर को एक हजार करोड़ रुपए सालाना करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में वन उत्पादों के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं. अब तक यह देखने को मिला है कि यहां के स्थानीय उत्पादों को बाजार नहीं मिलने की वजह से लोग काफी कम कीमत में बेच देते हैं.
वहीं, दूसरे राज्यों की बड़ी-बड़ी कंपनियां इन उत्पादों को खरीद कर हमारे ही राज्य में महंगे मूल्य पर बेचने का काम कर रही हैं. सरकार ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. अब यहां के वन एवं अन्य उत्पादों का सीधा फायदा उत्पादकों को मिले, इस दिशा में सरकार कार्य योजना बना रही है.
-वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के शिलान्यास समारोह में जुडको और सिडबी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. इसके जरिए राज्य में औद्योगिक संरचना को विकसित करने और उद्योग लगाने वालों को सिडबी के द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. इस मौके पर पीएमएफएमआई योजना के तहत बीज पूंजी सहायता के लिए 515 लाभुकों को लगभग एक करोड़ 87 लाख रुपए की पूंजी दी गई.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की खासियत-
● वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंगी.
● इस सेंटर में व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिषद से जुड़े कार्यालय होंगे. इसके अलावा आयात निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराया जाएगा। यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं मिलेंगी.
● वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से होगा. यह 3.45 एकड़ भूमि में बनेगा। इसकी कुल परियोजना लागत 44.59 करोड़ होगी.
● यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने वाली कंपनियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और उसके प्रचार-प्रसार के लिए भी जगह उपलब्ध कराया जाएगा.
● वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र, तसर उत्पाद तथा इंजीनियरिंग सामानों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
● वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण 2 सालों में पूरा होगा. यहां बहुउद्देशीय सम्मेलन कक्ष, सेमिनार हॉल, आयात निर्यात बैंक के अलावा कई और सुविधाएं होंगी.
Source : News Nation Bureau