Jharkhand Crime News : यहां के चोर उड़ाते हैं खास चीज, पूरा शहर परेशान
सरायकेला जिला के आदित्यपूर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम द्वारा शहर में लगवाए जा रहे स्टील के कूड़ेदानों पर भी चोरों की नजर लग गयी है. एक तरफ तो नगर निगम डस्टबिन लगाकर आगे बढ़ रहा है तो पीछे से चोर डस्टबिन चोरी करते जा रहे हैं.
घरों में चोरी के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन सरायकेला से ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसने सभी को हैरानी में डाल दिया है. सरायकेला जिला के आदित्यपूर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम द्वारा शहर में लगवाए जा रहे स्टील के कूड़ेदानों पर भी चोरों की नजर लग गयी है. एक तरफ तो नगर निगम डस्टबिन लगाकर आगे बढ़ रहा है तो पीछे से चोर डस्टबिन चोरी करते जा रहे हैं. चोरों की इस हरकत से स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य पर ही पानी फिर रहा है. चोरी का आरोप किसी और ने नहीं बल्कि नगर निगम के सफाई निरीक्षक ने ही लगाया है . आपको बात दें कि ये डस्टबिन नगर निगम को अंक दिलाएंगे कि उन्होंने कितना अच्छा काम किया है. नगर निगम ने इसके लिए 4500 रुपये प्रति डस्टबिन पर खर्च किए हैं.
डस्टबिन के लिए 45 लाख रुपये किए गए खर्च
लगातार आदित्यपूर क्षेत्र में चोरी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. घरों में चोरी की बात तो आम हो गई है, लेकिन नगर निगम द्वारा लगे नए स्टील के डस्टबिन को चोरों द्वारा चोरी किया जा रहा है. आदित्यपूर नगर निगम में कुल मिलाकर शहर में 100 डस्टबिन की खरीद की गई. बताया जा रहा है कि डस्टबिन और उसके लगाने तक सभी डस्टबिन पर 45 लाख रुपये से अधिक खर्च किया गया है.
लोगों को करेगा जागरूक
अगर निगम मशीनरी और जनता रखरखाव को ख्याल रखे तो हमारा शहर भी सुंदर दिखाई देगा. अगर हर जगह डस्टबिन होगा तो शहर के चौराहे, सड़क किनारे, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा दिखाई नहीं देगा, क्योंकि सभी लोग कूड़ा डस्टबिन में ही डालेंगे. यही नहीं जनता को स्वच्छ भारत मिशन का संदेश भी मिलेगा. साथ ही जनता को कूड़ा डस्टबिन में डालने के लिए जागरूक भी होगी.
नगर निगम ने शहर के सार्वजनिक स्थानों पर स्टील के 100 डस्टबिन लगाए हैं, शहर में 35 वार्ड हैं. प्रत्येक वार्ड में 1-2 स्थानों पर डस्टबिन लगेंगे जिसका फायदा स्थानीय जनता को ही मिलेगा, लेकिन इस घटना से अब सवाल ये उठ रहा है कि नगर निगम द्वारा कोई खेल तो नहीं खेला जा रहा है. क्योंकि डस्टबिन चोरी करने वाले को अभी तक ना तो किसी ने देखा है और ना ही शहर के किसी भी कैमरे में चोर को कैद किया गया है. कहीं ऐसा तो नहीं डस्टबिन लगवाने की प्रक्रिया में भी खेल हो रहा है और इसे चोरी का नाम दिया जा रहा हो हालांकि क्या सही है, इसकी हकीकत तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन यह जरूर है कि नगर निगम के खजाने को चूना लगाया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
डस्टबिन को चोरों द्वारा किया जा रहा है चोरी
नगर निगम ने 4500 रुपये प्रति डस्टबिन पर किए हैं खर्च
शहर के सार्वजनिक स्थानों पर स्टील के 100 डस्टबिन लगाए गए हैं