Jharkhand News: शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलता ये स्कूल, जान जोखिम में डालकर बच्चे पीते हैं पानी

बच्चों को संसाधन की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय परिसर में बने शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है. स्कूल कैंपस में चार दिवारी तक नहीं है. स्कूल में पानी के पीने तक की व्यवस्था नहीं है.

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Rashmi Rani
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राजकिय कृत मध्य विद्यालय ( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

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एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में शिक्षा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की बात करते हैं, लेकिन दूसरी ही तरफ इसकी असल सच्चाई सामने आते रहती है. ताजा मामला रामगढ़ जिला के पतरातू प्रखंड अंतर्गत राजकिय कृत मध्य विद्यालय भुरकुंडा का है. जहां बच्चों को संसाधन की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय परिसर में बने शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है. स्कूल कैंपस में चार दिवारी तक नहीं है. हैरानी की बात तो ये है कि बच्चों को सड़क पर 100 मीटर की दूरी पार करने के बाद शौचालय जाना पड़ता है. 

पानी के पीने तक की नहीं है व्यवस्था

स्कूल में पानी के पीने तक की व्यवस्था नहीं है. कहने को तो परिसर में एक सरकारी चापाकल है, लेकिन वो बेकार पड़ा हुआ है. राजकीयकृत मध्य विद्यालय भुरकुंडा में वन क्लास से लेकर 8 क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. बाउंड्री वॉल नहीं होने के कारण पढ़ाने में शिक्षकों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कई बार बाउंड्री वॉल को लेकर शिक्षा विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई है, लेकिन बाउंड्री वॉल अब तक नहीं बन पाया है. बता दें कि राजकीयकृत मध्य विद्यालय भुरकुंडा आदर्श विद्यालय के तौर पर चुना जा चुका है. ऐसे में संसाधन का नहीं होना स्कूल पर कई सवाल खड़ा करता है.

शौचालय की नहीं होती साफ सफाई 

स्कूल मैं मौजूद छात्रा ने बताया कि मैं फोर्थ क्लास से विद्यालय में पढ़ रही हूं, लेकिन आज तक शौचालय की साफ सफाई नहीं हुई है. शौचालय में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. छात्रा ने बताया कि स्कूल में चारदीवारी नहीं है. जिसके कारण शौचालय में गंदगी लगा होता है. आसपास के लोग भी गंदगी फैला देते हैं. जिसके कारण हमें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. पानी के लिए हम लोगों को ऑफिस जाना पड़ता है और बोतल में पानी भरकर हम सब वहीं से पीते हैं.

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प्रधानाचार्य ने क्या कहा 

राजकीयकृत मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय शर्मा ने बताया कि विद्यालय में संसाधन की दिक्कत है. स्कूल में 14 कमरे हैं वन क्लास से लेकर 8 क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. पानी के लिए झारखंड सरकार का कनेक्शन लिया गया है और स्कूल में भी चापाकल की व्यवस्था है. वहीं, दूसरी तरफ स्कूल के अध्यक्ष ने बताया कि बच्चों को रोड पार करके ऑफिस आना पड़ता है. बच्चे उसी ऑफिस में आकर मध्यान भोजन भी करते हैं और शौचालय भी जाते हैं. ऐसे में सड़क पार करने में बड़ी दुर्घटना हो सकती है. जिसका जिम्मेदार कौन होगा. 

रिपोर्ट - अनुज कुमार

  • बच्चों को संसाधन की घोर किल्लत का करना पड़ रहा सामना 
  • पानी के पीने तक की नहीं है व्यवस्था
  •  शौचालय में गंदगी का लगा हुआ है अंबार 
  • स्कूल कैंपस में चार दिवारी तक नहीं 

Source : News State Bihar Jharkhand

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