प्राकृति की भूमि झारखंड की पहचान यहां का आदिवासी समुदाय है और आदिवासी समुदाय के लिए जल, जंगल और जमीन बेहद संवेदनशील मुद्दा रहा है. यही वजह है कि झारखंड की सियासत भी इन्हीं तीन मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन सियासी रोटियां सेंकने के अलावा जनप्रतिनिधियों को ना तो आदिवासी समुदायों के हक से कोई लेना-देना है और ना ही उनके अधिकारों से. लिहाजा अब आदिवासियों ने खुद अपने अधिकारों की रक्षा के लिए मोर्चा खोल दिया है. देवघर में आदिवासी सड़क पर हैं. मामला जमीन का है और निशाने पर भू-माफिया हैं. क्योंकि एक बार फिर भू-माफियाओं ने आदिवासियों की जमीन को हथियाने के लिए कागजी हेर-फेर का सहारा लिया है.
100 करोड़ की जमीन
देवघर के मधुपुर अंचल क्षेत्र में आदिवासी समुदाय सड़क पर आ गया है. बताया जा रहा है कि आदिवासियों की जमीन को कागजी हेरफेर कर ऊंची कीमत पर खरीद-बिक्री करने की कोशिश की जा रही है. इस बार 720 कट्ठा जमीन को बंगाल के एक भू माफिया ने अवैध तरीके से लूटने की कोशिश की है. स्थानीय लोगों की मानें तो इस जमीन की अनुमानित कीमत लगभग 1000 करोड़ रुपये है.
जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं
भूमाफिया से परेशान होकर अब आदिवासी समुदाय आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं. उनका कहना है कि जान दे देंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे. आदिवासियों ने प्रदर्शन और नारेबाजी के जरिए सरकार तक अपनी गुहार पहुंचाने की कोशिश की और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के साथ ही देवघर उपायुक्त और मधुपुर SDO से मामले पर कार्रवाई करने की अपील की है.
कागजों में सिमटे कानून
गौरतबल है कि आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए ना सिर्फ झारखंड बल्कि देश के कई राज्यों में कानून भी बनाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर कानूनों की तरह ये भी सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाते हैं. क्योंकि सच्चाई तो यही है कि आज भी भू-माफिया शासन-प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से जमीन की हेरा-फेरी करते हैं. आदिवासियों की जमीन लूटते हैं और बड़ी आसानी से कानूनी दांव पेंच से भी बच जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि शासन हो या प्रशासन आदिवासी हितैषी होने का दावा करने के साथ ही इन दावों को अमल में भी लाए, ताकि प्रदेश की पहचान की रक्षा हो सके.
रिपोर्ट : उत्तम वत्स
HIGHLIGHTS
- सड़क पर आदिवासी समुदाय
- भू-माफिया के खिलाफ आक्रोश
- आदिवासियों की जमीन हथियाने की कोशिश!
- हजारों करोड़ की जमीन की हेरा-फेरी
- ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से की अपील
Source : News State Bihar Jharkhand