झारखंड विधानसभा की कार्यवाही के आठवें दिन बीजेपी विधायकों ने जमकर प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले बीजेपी के विधायक सदन में भगवा रंग का टीशर्ट पहन कर पहुंचे और सदन से लेकर सड़क तक नियोजन नीति से जुड़े मामले को लेकर हंगामा किया. इस दौरान खतियानी जोहार के नारे लगाने लगे. सभी की टी-शर्ट पर 60/40 और नाय चलतो का प्रिंट छपा हुआ था. कार्यवाही के दौरान बीजेपी विधायक रिपोर्टिंग टेबल थपथपाकर विरोध जताते रहे और वेल में बांग्लादेशी नाय चलतो की नारेबाजी करते रहे. जिसके बाद स्पीकर को कई बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा, लेकिन बीजेपी विधायकों का हंगामा थमता नहीं दिखा.
नियोजन नीति पर मची 'रार'
बीजेपी के विधायकों का कहना है कि 60 तो हमारा अधिकार है. 40 परसेंट भी नियोजन नीति हम झारखंडी के हित में ही आना चाहिए. गोड्डा विधायक अमित मंडल ने कहा कि अब तो सरकार बाहरियों के लिए डोर ओपन कर दी है. चंदनक्यारी विधायक अमर बावरी ने कहा कि हमारा विरोध 40 परसेंट पर किया जा रहा है. सरकार जो नई नियोजन नीति लाई है यह सरकार राज्य के जनता को धोखे में रख रही है. 1932 का सपना दिखा कर ओपन टू ऑल कर दिया है और वहीं जब राज्य की जनता आक्रोशित होकर जब अपनी तपिश दिखा रहीं है तब सरकार के माथे से पसिना छूट रहा है, जिससे सरकार के पास कोई जवाब नहीं है.
समय आने पर बोलेंगे सीएम
वहीं, नियोजन नीति पर हो रहे सदन में हंगामें को लेकर जेएमएम का कहना है कि सीएम इस मुद्दे पर समय आने पर बोलेंगे. एक ओर सरकार के मंत्री नियोजन नीति को लेकर विपक्ष को करारा जवाब देने में लगे रहे तो वहीं जेएमएम के विधायक लोबिन हेंब्रम खुद अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते दिखे. वहीं, सत्ता दल के विधायक इरफान अंसारी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य की जनता को गत में डाल दिया है. अगर झारखंड के साथ कोई खिलवाड़ किया गया है तो यह भारतीय जनता पार्टी ने किया है. हमारी सरकार लोगों के लिए ही कार्य कर रही है और झारखंड गठन का 22 साल हो चुका है, लेकिन आज की न्यूज़ नीति के लिए आवाज उठा रही है. जब झारखंड गठन हुआ था उसी समय नियोजन नीति बनानी चाहिए थी.
पक्ष और विपक्ष में फिर हुआ बवाल
हालांकि सदन में हो-हंगामें के बीच शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी हुई मान ली गई तो वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि विभाग के लिए 28 अरब 4 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान मांग पेश किया. वहीं, बीजेपी ने नियोजन नीति पर सरकार से तीन सवाल किये. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार को बताना चाहिए कि 1932 का क्या हुआ ? दूसरा 2016 से पहले नियोजन नीति में क्या है? इसके साथ ही ये भी बताये कि 60/40 क्या है ?
HIGHLIGHTS
- झारखंड विधानसभा का बजट सत्र
- सदन से सड़क तक बीजेपी का हंगामा
- नियोजन नीति पर मची 'रार'
- पक्ष और विपक्ष में फिर हुआ बवाल!
Source : News State Bihar Jharkhand