एक तरफ हमारा देश चांद तक पहुंच गया है. विज्ञान के क्षेत्र में बड़े-बड़े देशों को पछाड़ रहा है. बुलेट ट्रेन और हाई टेक्नॉलोजी की बातें हो रही है, लेकिन इसी देश की एक और तस्वीर भी है. जहां लोग सड़क के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. कीचड़ से सनी पगडंडियों के सहारे आवाजाही हो रही है. तस्वीरें हैं झारखंड के सरायकेला की, जहां आसंगी की सीधी सड़क जो झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में जाकर मिलती है. वो बदहाल है. औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते यहां बड़ी संख्या में मजदूर भी रहते हैं, लेकिन मजदूरों के आने-जाने के लिए यहां पक्की सड़क तक नहीं है.
बदहाल रास्ते से आवाजाही कर रहे ग्रामीण
मजबूरन लोगों को कीचड़ और दलदल के बीच से होकर गुजरना पड़ता है. आलम ये है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी इसी दलदलनुमा रास्ते से होकर गुजरते हैं. इस गांव में अगर किसी की तबीयत खराब होती है, तो उसे 5 किलोमीटर के सफर को 30 किलोमीटर में तय करना पड़ता है क्योंकि सड़क तो है नहीं, ऐसे में लंबे रास्ते होकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. हर बार चुनावी मौसम में जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आते हैं और सड़क बनवाने का आश्वासन भी देते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के साथ ही नेता गांव का रास्ता और अपने वादे दोनों भूल जाते हैं.
बारिश के बाद दलदल में तब्दील हुई सड़क
पैदल चलने वालों के साथ ही यहां वाहन चालकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के बाद तो यहां से आवाजाही करना किसी जंग लड़ने जैसा होता है. पूरा रास्ता दलदल में तब्दील हो जाता है. रास्ता सूखने तक गांव का दूसरे गांवों से संपर्क टूट जाता है. झारखंड में विकास के दावे तो बहुत होते हैं, लेकिन उन दावों पर काम कितना होता है. ये तस्वीरें इसी का उदाहरण है. जहां विकास तो दूर की बात है, लोग अदद सड़क के लिए परेशान हो रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- बदहाल रास्ते से आवाजाही कर रहे ग्रामीण
- बारिश के बाद दलदल में तब्दील हुई सड़क
- सड़क के नाम पर ग्रामीणों को मिला आश्वासन
Source : News State Bihar Jharkhand