Jharkhand Weather Update Today: झारखंड में मानसून की सक्रियता बनी हुई है और बीते 24 घंटों में राज्य के कई इलाकों में अच्छी बारिश हुई है. राजधानी रांची, कोल्हान, सिमडेगा, बोकारो और खूंटी सहित कई जिलों में झमाझम बारिश ने मौसम को सुहावना बना दिया है. मानसून की यह सक्रियता 24 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है, लेकिन 25 अगस्त से मानसून की गतिविधियों में कुछ कमी आ सकती है.
गुरुवार के मौसम का पूर्वानुमान
आपको बता दें कि रांची स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. राजधानी रांची के साथ गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला और पश्चिमी सिंहभूम में मूसलधार बारिश की चेतावनी दी गई है. इसके अलावा संताल परगना के सभी जिलों में भी भारी बारिश के आसार हैं. वहीं, 23 अगस्त को चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, देवघर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में भारी बारिश की संभावना है.
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मानसून की अब तक की स्थिति
वहीं 1 अगस्त से 21 अगस्त तक झारखंड में अच्छी बारिश हुई है. आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा बारिश सिमडेगा जिले में दर्ज की गई, जहां 951.4 मिमी वर्षा हुई. पूर्वी सिंहभूम में 609 मिमी, पश्चिमी सिंहभूम में 517 मिमी, गुमला में 572.8 मिमी, लोहरदगा में 471 मिमी, जामताड़ा में 540.4 मिमी और देवघर में 385.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. रांची में भी मानसून ने जोरदार दस्तक दी, जहां 762 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई. इस वर्षा ने राज्य में फसलों और जलसंचय के लिहाज से अनुकूल परिस्थितियां पैदा की हैं.
धान की रोपनी में बढ़त
साथ ही आपको बता दें कि खूंटी जिले में अगस्त महीने में लगातार हो रही बारिश ने कृषि क्षेत्र में राहत दी है। पहले बारिश में थोड़ी देरी हुई थी, लेकिन अब लगभग प्रतिदिन हो रही बारिश ने स्थिति को संतुलित कर दिया है. जिले में औसत बारिश 342.60 मिमी है, जबकि अब तक 365.2 मिमी बारिश हो चुकी है. इसके चलते धान की रोपनी का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है. जिला कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा के अनुसार, जिले में 98.31 प्रतिशत धान की रोपनी हो चुकी है और अगले एक-दो दिनों में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो जाएगा. जिले में कुल 45 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है.
खेती-किसानी को मिलेगा बढ़ावा
इसके अलावा आपको बता दें कि मानसून की अच्छी बारिश से झारखंड में खेती-किसानी को मजबूती मिली है. धान की रोपनी का कार्य समय पर पूरा होने से किसानों में उत्साह है. साथ ही, जलस्रोतों का भराव भी संतोषजनक स्तर पर पहुंचा है, जो आगामी फसल चक्र के लिए लाभकारी सिद्ध होगा.