Advertisment

छात्रों की ये कैसी 'परीक्षा'? ना क्वेश्चन पेपर दिया जा रहा है ना ही आंसर शीट

झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भले तमाम दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.

author-image
Jatin Madan
New Update
bokaro news

बच्चों की परीक्षा भी भगवान भरोसे ही करवाई जा रही है. ( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

Advertisment

झारखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भले तमाम दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. ताजा मामला बोकारो का है, जहां बच्चों की परीक्षा तो ली जा रही है, लेकिन ना तो उन्हें क्वेश्चन पेपर दिए जा रहे हैं और ना ही आंसर शीट. यानी बच्चों की परीक्षा भी भगवान भरोसे ही करवाई जा रही है. क्लासरूम में बच्चों की परीक्षा चल रही है, लेकिन ना तो उनके पास क्वेश्चन पेपर है ना ही आंसर लिखने के लिए आंसर शीट. अब यहां सोचने वाली बात है कि बच्चे परीक्षा दे कैसे रहे हैं? दरअसल यहां बच्चों के लिए ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखे जा रहे हैं और आंसर लिखने के लिए छात्र खुद पेपर खरीद कर लाते हैं.

झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी JCERT की ओर से जिले के 1531 स्कूलों के साथ राज्य के 35 हजार 441 सरकारी स्कूलों में परीक्षा करवाई जा रही है. तीसरी से लेकर 8वीं तक के छात्रों के लिए हो रही परीक्षा 21 नवंबर से ली जा रही है, जो 26 नवंबर तक चलेगी. इसी कड़ी में पांचवी के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन इस परीक्षा के लिए JCERT की ओर से ना तो प्रश्न पत्र भेजा गया और ना ही आंसर शीट उपलब्ध कराई गई. मजबूरन टीचर्स ने ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न लिख दिए ताकि छात्र परीक्षा दे सकें.

बोकारो के बदहाल शिक्षा व्यवस्था से जितने परेशान टीचर्स हैं, उससे ज्यादा परेशान यहां के छात्र हैं. चास के मध्य विद्यालय में भी इसी तरह परीक्षा ली जा रही है. शिक्षकों का कहना है कि  JCERT की ओर से हर दिन की परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र का सेट जिले के टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज को भेज दिया जाता है. जिस दिन जिस सब्जेक्टस की परीक्षा होती है उस दिन ट्रेनिंग कॉलेज से प्रश्न को स्कूलों के प्रिंसिपल को व्हाट्सएप पर भेजा जा रहा है और इसके बाद ही परीक्षा शुरू होती है. व्हाट्सएप के जरिए प्रश्नों को देख टीचर्स ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखते हैं और बच्चे खुद से खरीदकर लाए आंसर शीट पर आंसर लिखते हैं.

हैरत की बात है कि इन परीक्षाओं के मार्क्स बच्चों के फाइनल पेपर में जोड़े जाते हैं. बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से परीक्षा के आयोजन में खानापूर्ति की जा रही है. ऐसे में तो एक ही सवाल खड़ा होता है कि अगर ऐसे ही बच्चों की शिक्षा से खिलवाड़ होता रहा तो हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना कैसे कर सकते हैं?

रिपोर्ट : संजीव कुमार

यह भी पढ़ें: बेगूसराय में मामूली विवाद में युवक की हत्या, घटना के बाद आरोपी फरार

HIGHLIGHTS

.छात्रों की ये कैसी 'परीक्षा'?
.JCERT ने आयोजित कराई परीक्षा
.छात्रों को नहीं दिया गया प्रश्न पत्र
.ब्लैक बोर्ड पर लिखकर दिया जा रहा प्रश्न
.आंसर शीट भी छात्र खुद खरीद रहें

Source : News State Bihar Jharkhand

jharkhand-news Jharkhand government bokaro news Jharkhand Education Department
Advertisment
Advertisment