चतरा में जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का दंश आम जनता झेल रही है. जहां भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत यहां 2019 में ही करोड़ों की लागत से पुल निर्माण का काम शुरू हुआ था, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी पुल का काम पूरा नहीं हो पाया है. हाल ये है कि आधे-अधूरे पुल के दोनों तरफ जर्जर सड़कें हैं और इस जर्जर सड़कों से लोगों को गुजरने में पसीने छूट जाते हैं. एप्रोच पथ के नाम पर पुल के दोनों तरफ कीचड़ हैं. पुल और एप्रोच पथ नहीं होने से बारिश के दिनों में लोगों की दिक्कतें और भी बढ़ जाती है.
2020 में ही निर्माण कार्य होना था पूरा
दरअसल, करोड़ों की लागत से धोई नदी पर पुल बन रहा है. 2020 तक ही पुल निर्माण पूरा करने का लक्ष्य था. पुल का अबतक आधा निर्माण काम ही पूरा हो पाया है. एप्रोच पथ का भी अब तक निर्माण नहीं हुआ है. जिसके बाद से ही संवेदक की लापरवाही पर उठ रहे सवाल हैं. सवाल जितने भी हों, लेकिन प्रशासन भी जिस तरह से संवेदक से सवाल पूछ रहा है वो भी सवालों में है. सवाल ये कि क्या निर्माण कंपनी भी आरईओ को गंभीरता से नहीं लेते. सवाल ये कि तय समय सीमा के भीतर पुल निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर संवेदक पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही.
प्रतापपुर के लिप्ता गांव से सिल्दाहा सहित बिहार को जोड़ने वाली धोई नदी पर बन रहे इस पुल को लिए प्रशासन को सुध लेनी होगी. संवेदक के खिलाफ संज्ञान लेने होंगे. लोगों की समस्यायें दूर करनी होगी.
रिपोर्ट : विकास कुमार
HIGHLIGHTS
- 4 साल से अधर में पुल का निर्माण
- 2020 में ही निर्माण कार्य होना था पूरा
- संवेदक की लापरवाही पर उठ रहे सवाल
- पुल नहीं... परेशानी बढ़ी... लोगों में आक्रोश
Source : News State Bihar Jharkhand