Who is Alamgeer: झारखंड की राजधानी रांची में उस वक्त हड़कंप मच गया है जब हफ्ते के पहले ही दिन सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की. वैसे तो ईडी की छापेमारी कई ठिकानों पर थी, लेकिन एक जगह से नोटों का जो अंबार सामने आया उसने हर किसी को चौंका दिया. जिसने में भी नोटों के इस अंबार को देखा उसकी आंखें खुली की खुली रह गईं. ये ठिकाना था झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर जुड़े एक शख्स का. दरअसल आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के घर पर ईडी ने अपनी आंखें तरेरीं तो मानो उनके घर से कुबेर का खजाना ही निकल आया. आइए जानते हैं कि कौन हैं आलमगीर जिनके पीएम का नौकर महज 15 हजार के वेतन में 30 करोड़ से ज्यादा नकदी का मालिक निकला.
कौन है आलमगीर
झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से हैं. खास बात यह है कि आलमगीर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. इसी सीट से वह चार बार विधायक रह चुके हैं. यही वजह है कि सोरेन सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया. हालांकि उन पर विपक्ष लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाता रहा है. मौजूदा समय में आलमगीर आलम झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं.
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सरपंच के चुनाव जीतकर मजबूत की पकड़
इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 यानी तीन साल तक प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं. सरपंच का चुनाव जीतकर उन्होंने राजनीति में भी अपनी पकड़ मजबूत की. वर्ष 2000 में आलमगीर आलाम पहली बार विधायकी का चुनाव जीते और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद चार बार लगातार उन्होंने विधायक का चुनाव जीतकर राजनीति के पिच पर खुद को साबित किया. हालांकि अब उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. ईडी की छापेमारी में उन्हीं के पीए के नौकर के घर से करोड़ों रुपए बरामद किए गए हैं.
महज 15 हजार रुपए वेतन और रिकवरी 30 करोड़
ईडी ने आलमगीर के निजी सचिव के नौकर के घर पर भी छापेमारी की है. खास बात यह है कि यह इस कर्मचारी का वेतन महज 15 हजार रुपए है. लेकिन उनके घर से न तो ईडी को और न ही किसी ओर को ये उम्मीद थी कि यहां से एक दो नहीं बल्कि 30 करोड़ रुपए नकद मिलेंगे. हालात यह है कि ईडी को यहां नोट गिनने की मशीनें बुलाना पड़ रही हैं. माना जा रहा रहा कि इस मशीन के लिए भी कई कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है ताकि नोटों की गिनती को जल्द अंजाम दिया जा सके.
कैसे खुला ये रिश्वकांत
दरअसल ईडी को एक शिकायत मिली थी कि पिछले साल 2023 में चीफ इंजीनियर के यहां 10000 रुपए की रिश्वत ली गई है. इस संबंध में ईडी ने छापेमारी भी की थी. चीफ इंजीनियर का बयान भी फाइल किया गया और इसी बयान में इंजीनियर ने बताया कि मंत्री के घर पर जा रहा है रिश्वत का सारा पैसा.
इसके बाद ईडी की कार्रवाई लगातार आगे बढ़ती गई औऱ इसी जांच के बीच आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल का नाम भी सामने आया है. संजीव लाल के घर पड़ रही छापेमारी के बीच ईडी को आशंका हुई कि उनके नौकर के यहां पर भी काफी कुछ मिल सकता है. रिश्वतकांड की तलाश में ईडी संजीव लाल के घर पहुंची और यहां पर हुआ बड़े खजाने का खुलासा.
धीरज साहू को अब तक नहीं भूला कोई
बता दें कि इससे पहले भी झारखंड में कांग्रेस के ही नेता धीरज साहू के घर से मिले कुबेर के खाजने ने हर किसी को चौंका दिया था. इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी. उनके घर पर इनकम टैक्स ने छापेमारी की थी और इस छापेमारी में आयकर विभाग ने एक दो नहीं बल्कि 350 करोड़ रुपए बरामद किए थे. हालांकि धीरज साहू ने इस कैश को लेकर कहा था कि यह उनकी शराब कंपनियों का पैसा है.
उन्होंने कहा कि शराब का सारा कारोबार नकद में होता है इसलिए इतना सारा धन एक साथ मिला है. धीरज साहू ने हालांकि इस पूरे कैश से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है ये भी कहा था. लेकिन एक बार फिर कांग्रेस नेता आलमगीर के जुड़े तारों से ही कैश की बरामदगी किसी बड़े भ्रष्टाचार की ओर से इशारा कर रही है.
Source : News Nation Bureau