गुमला में जंगली हाथियों ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है. अलग-अलग प्रखंडों में गजराज की धमक ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. हाथियों के झुंड ने कई ग्रामीणों के घरों को तबाह कर दिया. किसानों की फसलें नष्ट कर दी. आलम ये है कि हाथियों ने बीते 1 सप्ताह में 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. इन मौतों के बाद अब ग्रामीण डर-डर कर जीने को मजबूर हैं.
हाथियों के झुंड से परेशान ग्रामीण वन विभाग से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहीं, जिले के नए डीएफओ अहमद बेलाल अनवर की मानें तो उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों के साथ बैठक कर ग्रामीणों की परेशानी का हल निकालने की रणनीति बना ली है. हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने की पहल की जा रही है. DFO ने लोगों से अपील की है कि वो सावधानी बरतें ताकि हाथियों से सामना ना हो. DFO ने साथ ही लोगों को हर मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया.
ग्रामीण इलाकों में हाथियों की सक्रियता तो मुसीबत थी ही, लेकिन लगातार हुए मौतों ने जिला प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. डीसी सुशांत गौरव ने मामले पर दुख जताते हुए अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं. जिले के बिशुनपुर घाघरा, गुमला, बसिया भरनो और रायडीह के क्षेत्र में जंगली हाथी की सक्रियता बनी हुई है. लिहाजा सभी बीडीओ और सीओ को अलर्ट कर दिया गया है.
वहीं, इस पूरे मामले पर क्षेत्र के विधायक भूषण तिर्की ने प्रतिक्रिया जताई है. विधायक का कहना है कि ग्रामीणों की मौत दुखद है, लेकिन ठंड के बाद भी वन विभाग की टीम की सक्रिय सराहना योग्य है.
गौरतलब है कि झारखंड के जिलों में जंगली हाथियों की समस्या नई नहीं है. अक्सर हाथियों का झुंड ग्रामीण इलाकों की ओर आ जाता है. जिससे क्षेत्र के लोगों को नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में जरूरत है कि इन इलाकों में वन विभाग पहले से सक्रिय रहे ताकि नुकसान कम हो.