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JMM का गढ़ कहे जाने वाले संथाल परगना में क्या बदल जाएगा सियासी समीकरण? 20 नवंबर को मतदान

झारखंड में 20 नवंबर को 38 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान होने वाला है. दूसरे चरण के मतदान में कुल 528 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी हुई है. वहीं, जेएमएम का गढ़ माने जाने वाली संथाल परगना पर भी सबकी नजरें टिकी हुई है.

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Vineeta Kumari
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soren vs modi in election

संथाल परगना में क्या बदल जाएगा सियासी समीकरण

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Jharkhand Second Phase Elections: झारखंड में 13 नवंबर को पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान हुआ. वहीं, अब 20 नवंबर को अन्य शेष बचे 38 सीटों पर वोटिंग होगी. इसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां लगातार चुनावी प्रचार करते नजर आ रहे हैं. दूसरे चरण का मतदान काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें संथाल परगणा से लेकर कई दिग्गज नेताओं की किस्मत दांव पर लगी हुई है. 38 सीटों पर कुल 528 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. 

38 सीटों पर 528 उम्मीदवारी की किस्मत का फैसला

एनडीए और इंडिया एलायंस के बीच चुनावी मुकाबले की बात करें तो 38 सीटों में से 17 पर जेएमएम और बीजेपी के बीच मुकाबला है तो वहीं 11 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं. इसके अलावा दो सीट पर बीजेपी और आरजेडी, तीन सीट पर जेएमएम और आजसू चुनावी मैदान में उतरे हैं. दूसरे चरण का मतदान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें 38 में से 18 विधानसभा सीट संथाल परगना में आता है. 

संथाल परगना में कौन जीतेगा जनता का भरोसा?

संथाल परगना में जिस भी पार्टी की पकड़ मजबूत होती है. वह प्रदेश में सत्ता बनाने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाती है. सीएम सोरेन भी संथाल परगना के बरहेट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी संथाल परगना से ही चुनावी मैदान में उतरी हैं. संथाल परगना को जेएमएम के संस्थापक शिबू सोरेन का गढ़ माना जाता है.

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जेएमएम का गढ़ माना जाता है संथाल परगना

2019 में जेएमएम ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, बीजेपी ने परगना के 12 और कांग्रेस ने 8 सीटों पर कब्जा किया था. पिछली विधानसभा चुनाव में जेएमएम संथाल परगना की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. 

बांंग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा BJP को दिलाएगी जीत

वहीं, पिछले पांच सालों में आदिवासी बहुल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या काफी बढ़ चुकी है. जिसे एनडीए चुनावी मुद्दा बना रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनडीए बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा बनाकर संथाल परगना जीतने में कामयाब होती है या फिर एक बार फिर से इंडिया एलायंस यहां से बाजी मार ले जाता है. 

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