झारखंड विधानसभा में शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सूबे की हेमंत सरकार ने राज्यपाल यानि राजभवन से पूर्व में वापिस किए गए तीन विधेयकों को चर्चा के लिए सदन में रखा और चर्चा के बाद तीनों विधेयकों को पारित करा लिया. विधेयकों में झारखंड वित्त विधेयक 2022, झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक 2022 व झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2022 शामिल थे. बताते चलें कि झारखंड वित्त विधेयक 2021 को राजभवन से वापस कर दिया था. राज्यपाल द्वारा विधानसभा में चर्चा के बाद तीनों विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ.
बिल पर खड़े किए सवाल
इससे पहले कृषि उपज और पशुधन विपणन विधेयक में कई प्रकार की गलतियों का हवाला देते हुए विधायक मनीष जयसवाल, नवीन जयसवाल, विनोद सिंह सहित अन्य ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का आग्रह किया. विधायक विनोद सिंह का कहना था कि वर्ष 2017 में जो बिल भारत सरकार ने लाई थी तो इसी प्रावधान को हेमंत सोरेन की सरकार लागू कर रही है. जबकि उस समय इसी सरकार द्वारा भारत सरकार के बिल का विरोध किया था.
कृषि मंत्री ने दिया जवाब
जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में बाजार समिति किस हाल में है इसकी जानकारी सभी को है. राज्य में 28 बाजार समितियां है और सभी बाजार समितियों के हालात से सभी परिचित हैं. उन्होनें कहा कि जब तक कोई भी संस्थान रेवेन्यू जेनरेट नहीं करता है तब तक वह नहीं टिक सकता है.
बता दें कि आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है. अंतिम दिन भी बीजेपी विधायकों का हंगामा जारी रहा.
HIGHLIGHTS
- राजभवन से लौटाए गए तीन विधेयक सदन में पास
- ध्वनिमत से पास किए गए तीनों विधेयक
- बीजेपी ने जमकर काटा सदन में हंगामा
- आज शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन
Source : News State Bihar Jharkhand