लोहरदगा में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, जो आदिवासी महिलाएं पहले शराब बेचने या ईंट भट्ठे पर काम करती थी वो आज फास्ट फूड बनाने की ट्रेनिंग ले रही हैं. लोहरदगा में आदिवासी महिलाओं की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल रही है. जिले की आदिवासी महिलाओं को ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जहां महिलाएं फास्ट फूड बनाना सीख रही हैं. अब ट्रेनिंग लेने के बाद महिलाएं अपने घरों के आस-पास इसका व्यवसाय शुरू करने की तैयारी में है ताकि इनके आर्थिक हालात बेहतर हो सके और ये आत्मनिर्भर भी बन सके.
फास्ट फूड बनाने की ले रही ट्रेनिंग
महिलाओं को प्रशिक्षण देने वाली ट्रेनर आर भाटिया का जीवन भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. 2004 में पति की मौत के बाद इन्होंने अपने चौखट से बाहर कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इन्होंने आज तक 7 हजार से ज्यादा महिलाओं को ट्रेनिंग देने का काम किया है. इन महिलाओं का कहना है कि इन्हें यह मौके उस समय मिला है जब इनके पास आर्थिक संकट पूरी तरह से उत्पन्न हो चुका थाक इनमें से कुछ महिलाओं के पति पूरी तरह से बेरोजगार हैं तो कुछ खेती का काम करते हैं. इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने वाले युवा पहले से फास्ट फूड की दुकान लगाया करते हैं. अब अपनी दुकान को ये और बेहतरीन तरीके से चलाने के लिए तैयार हैं. स्वादिष्ट व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर ये काफी प्रसन्न हैं.
लोहरदगा में आरसेटी ने स्वरोजगार से जोड़कर लोगों के भविष्य को बदलने का काम किया है. खासकर महिलाओं के लिए ये वरदान साबित हो रहा है. जो महिलाएं कभी एक-एक पैसों के लिए मोहताज थीं वो आज खुद कमाकर आत्मनिर्भर बन रही है और अपने परिवार को आर्थिक संबल भी दे रही हैं.
रिपोर्ट : गौतम लेनिन
HIGHLIGHTS
- महिलाएं बन रही आत्मनिर्भर
- फास्ट फूड बनाने की ले रही ट्रेनिंग
- आरसेटी की ओर से दी जा रही ट्रेनिंग
Source : News State Bihar Jharkhand