एक तरफ हेमंत सरकार प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ने और पलायन की समस्या को रोकने को लेकर दावे करती है. दूसरी ओर आज भी प्रदेश के युवा पलायन का दंश झेलते हैं. दंश भी ऐसा कि बात जान पर बन आती है. गोड्डा सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे ये युवक तमिलनाडु नौकरी की तलाश में गए थे. ये सोचकर कि शायद वहां नौकरी करेंगे तो घर के हालात सुधर जाएंगे, लेकिन तामिलनाडू पहुंचते ही इनके सपनों पर संकट के बादल छा गए. दरअसल, युवाओं का आरोप है कि जिले के 7 युवक रोजगार की तलाश में 6 तारीख को तमिलनाडु गए. तमिलनाडु के इरोड पहुंचने पर इन्हें एक होटल में रुकने को कहा गया.
नौकरी की तलाश में गए गोड्डा से तमिलनाडु
होटल में कुछ देर रहने के बाद कुछ लोग इन्हें एक कमरे में ले गए. आरोपियों ने नौकरी की बात कहकर इन्हें मालिक का इंतजार करने के लिए कहा. कुछ देर बाद कुछ लोगों ने युवकों के मुंह पर कपड़ा बांधा और आधार कार्ड छीन लिए. आरोपियों ने युवकों से पैसे भी छीन लिए और जमकर मारपीट की. इसके बाद उन्होंने युवकों को घर से पैसा मंगवाने की धमकी दी. पैसे ना मंगवाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई. डरे सहमे युवकों ने अपने-अपने घरों से 5 से बीस हजार तक रुपए मंगवाए और आरोपियों को दिया.
पैस देकर जान बचाकर भागे युवक
इसके बाद जैसे तैसे वो वहां से जान बचाकर वापस गोड्डा लौट आए. इन युवाओं का ये दर्द आज प्रदेश की सरकार पर सवाल खड़े करता है. सवाल ये कि आखिर कब तक प्रदेश के युवा पलायन का दंश झेलेंगे. सवाल ये भी क्या उन आरोपियों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने नौकरी की तलाश में गए गरीब युवकों को निशाना बनाया.
HIGHLIGHTS
- झारखंड में रोजगार को लेकर उठे सवाल
- नौकरी की तलाश में गोड्डा से तमिलनाडु गए मजदूर
- भागकर मजदूरों को बचानी पड़ी जान
Source : News State Bihar Jharkhand