कई देशों की तरह भारत में भी अब तीन तलाक गैर कानूनी है. संसद ने तीन तलाक देने वाले पतियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान भी किया है. बावजूद इसके समाज में आज भी कई ऐसी महिलाएं है जो तीन तलाक का दंश झेल रही है. धनबाद से ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां दहेज न देने पर पति ने फोन पर पत्नी को तीन तलाक दे दिया. पाथरडीह थाना इलाके के चासनाला की रहने वाली आदिफ़ा फातिमा को फोन पर उसके पति आयूब खान ने तलाक दे दिया था. इस वाकये को हुए तीन महीने बीत गए हैं, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. पीड़िता 3 महीने से थाने के चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक आरोपी पर कार्रवाई तो दूर पुलिस इस मामले को गंभीरता से भी नहीं ले रही. वहीं, पीड़िता का आरोप है कि उसका पति उनके परिजनों से दहेज की मांग करता था, लेकिन उनके परिजन दहेज देने में समर्थ नहीं है. ऐसे में आरोपी ने उसके साथ मारपीट की. उसे प्रताड़ित किया और फोन पर तीन तलाक दे किया.
मंगलवार को जब मामले को लेकर दोनों ही पक्ष थाने पहुंचे तो थाने में जमकर हंगामा हुआ. दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. इस बीच आरोपी पति ने पीड़िता के परिजनों के साथ मारपीट भी की, लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी बैठी रही. पुलिस ने तो आरोपी को समझाइश देना भी उचित नहीं समझा. वहीं, जब पत्रकारों ने आरोपी से सवाल करना चाहा तो आरोप ने बड़े अकड़ के साथ पत्रकारों से ही सबूत मांगने लगा. इस दौरान आरोपी के चेहरे पर कोई पछतावा भी नहीं था.
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं. सबसे पहला सवाल तो ये कि अगर पति ने तीन तलाक दिया है तो पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? थाने में पीड़िता के परिजनों से मारपीट के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ धर क्यों बैठी रही? ऐसे में क्या लापरवाही करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाएगी? बहरहाल इन सवालों के जबाव कब तक मिलेंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट : नीरज कुमार
Source : News Nation Bureau