इंसान की उम्र उसकी बहादुरी और नेक काम के बीच कभी रोड़ा नहीं बनती. इस बात को मध्य प्रदेश की रहने वाली 10 साल की अद्रिका और उसके भाई कार्तिक ने एक बार फिर सच साबित कर दिया है. अद्रिका और कार्तिक की बहादुरी के लिए राष्ट्रपति दोनों को सम्मानित करेंगे.
अद्रिका ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट है. वह 20 हजार स्कूली बच्चों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दे चुकी है. इसलिए उसे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है. 10 साल की बच्ची अद्रिका और उसके 14 साल के भाई कार्तिक को बहादुरी की कैटेगरी में नेशनल चिल्ड्रन अवॉर्ड के लिए चुना गया है.
पिछले साल 2 अप्रैल को मध्यप्रदेश के मुरैना में भारत बंद के दौरान पथराव और फायरिंग के बीच ट्रेन में फंसे मुसाफिरों को खाना पहुंचाया था. जिसके लिए दोनों भाई-बहन को यह अवॉर्ड दिया जाएगा. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों बच्चों को 24 जनवरी को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित करेंगे.
बच्चों के पिता ने बताया कि उन्होंने इस अवॉर्ड के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसके बाद दिल्ली से दो अफसरों की टीम मुरैना आई थी और उन्होंने घटना की सत्यता की जांच भी की थी. अद्रिका और कार्तिक ने कहा कि वे दोनों बड़े होकर आईएएस और आईपीएस अिधकारी बनना चाहते हैं.
Source : News Nation Bureau