श्रावण माह के शुरुआती दिनों में ही महाकाल मंदिर में बड़ा चढ़ावा आया है. श्रद्धालुओं ने नगदी सहित चांदी के आभूषण अर्पित किए. एक श्रद्धालु ने 13 किलो वजनी मुकुट, मुण्डमाल, कुण्डल और गंगाल महाकाल को अर्पित किया. दान आए आभूषणों से भस्मारती व अन्य आरतियों में बाबा को श्रृंगारित किया जाएगा.
विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में यूं तो वर्ष भर ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है परंतु शिव के प्रिय महीने श्रावण में श्रद्धालुओं की संख्या तीन गुना बढ़ जाती है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के कारण मंदिर की आय और चढ़ावा भी कई गुना अधिक हो जाता है.
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श्रावण माह के शुरुआत में ही 17 से 23 जुलाई के बीच मंदिर समिति के पास 1 करोड़ 11 लाख से अधिक राशि एकत्रित हो चुकी है. यह राशि दान, प्रसाद, अभिषेक व शीघ्र दर्शन की रसीदों से प्राप्त हुई है.
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मान्यता है कि श्रावण माह में दान करने से अधिक पूण्य फल की प्राप्ति होती है इसीलिए भक्त आस्था के साथ बाबा के चरणों मे राशि व चढ़ावा अर्पित करते है. उज्जैन के एक श्रद्धालु ने बाबा चरणों में 13 किलो वजन के चांदी के मुकुट, मुण्डमाल, कुण्डल तथा गंगाल अर्पित किये. ये सभी आभूषण महाकाल को आरती के दौरान श्रृंगारित करते समय पहनाए जाते है. श्रद्धालु का मानना है कि श्रावण का महीना बड़ा ही पवित्र होता है और इसीलिए उन्होंने महाकाल को चढ़ावा चढ़ाया है.
Source : News Nation Bureau