लंबे इंतजार के बाद श्योपुर का कूनो पालपुर नेशनल पार्क आबाद होने जा रहा है। जुलाई के महीने में ही साउथ अफ्रीका से 12 चीते मध्यप्रदेश लाये जा सकते हैं। हालांकि इसके लिये समयसीमा 15 अगस्त रखी गयी है। मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों की एक टीम कुछ माह पूर्व साउथ अफ्रीका गयी थी। साउथ अफ्रीका के निजी नेशनल पार्कों से उस दौरान चीतों केा लाये जाने केा लेकर पूरी चर्चा हो गयी थी।
चीतों को लाने के पहले राज्य सरकार, भारत सरकार के माध्यम से साउथ अफ्रीका सरकार के साथ एमओयू करेगी जिसके बाद यह चीते कूनो पालपुर नेशनल पार्क के लिये सौंपे जायेंगे। कूना पालपुर 404 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। कूनो पालपुर में गुजरात के गिर से सिंह लाने की बात 1998 से चल रही है। सुप्रीम केार्ट तक यह मामला गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी गिर के सिंह को कूनो पालपुर में दिये जाने केा लेकर आदेश दिये थे। इसके बावजूद भी एमपी की सरकार, गुजरात सरकार पर इन सिंह को लाने के लिये दबाव नहीं बना सकी। कूनो पालपुर को सिंहों के प्रजनन के लिये उपयुक्त बताया गया था लेकिन गुजरात सरकार के तैयार न होने के कारण एमपी सरकार को यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डालना पड़ा।
इसके बाद कूनो पालपुर में चीते लाये जाने पर विचार प्रारंभ किया गया। इसे लेकर भी दस सालों से कवायत चल रही है। साउथ अफ्रीका से चीते आने के साथ ही यह नेशनल पार्क गुलजार हो पायेगा। हालांकि इस पूरे इलाके के लोगों को गिर से सिंह न आने का अफसोस है। इन चीतों केा हवाई मार्ग से लाया जायेगा। जानकारी के अनुसार 3 नर और 9 मादा चीतों केा लाने की बात चल रही है। इस पार्क केा बसाने के लिये 24 गांवों के 1650 परिवारों का विस्थापन भी 2003 में किया गया। वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल के अनुसार साउथ अफ्रीका से चीते लाये जाने केा लेकर पूरी तैयारी हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक चीते आ सकते हैं। बर्णवाल ने कहा कि उन्हें पहले सुरक्षित तरीके से रखा जायेगा जिसके बाद नेशनल पार्क में छोड़ा जायेगा।
Source : Nitendra Sharma