मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के अपने पैतृक स्थानों के लिये परिवार के साथ पैदल रवाना हुए करीब 150 मजदूरों के जत्थे को शनिवार को यहां रोक लिया गया. उन्हें आश्रय स्थलों में भेजा गया है. पड़ोसी धार जिले के पीथमपुर से ललितपुर की दूरी करीब 500 किलोमीटर है. पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी ने बताया कि इंदौर (Indore) से करीब 40 किलोमीटर दूर पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों में काम करने वाले करीब 150 मजदूरों को क्षिप्रा थाना क्षेत्र में रोका गया.
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डीएसपी ने बताया, 'ये लोग मूल रूप से उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं. उनका कहना है कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण पीथमपुर में कारखाने बंद पड़े हैं जिससे उनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है. इसलिये वे उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले के अपने पैतृक स्थानों की ओर परिवार के साथ पैदल जा रहे थे.' डीएसपी ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण इंदौर जिले से बाहर जाने पर पाबंदी लगी है. इसके मद्देनजर मजदूरों को समझा-बुझाकर आश्रयस्थलों में भेजा गया है.
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उन्होंने बताया कि कोविड-19 के प्रकोप से जुड़े पलायन के एक अन्य मामले में गुजरात के सूरत शहर की हीरा प्रसंस्करण इकाइयों और अन्य कारखानों में काम करने वाले कुल 48 मजदूरों को इंदौर जिले के क्षिप्रा थाना क्षेत्र में ही रोका गया. ये मजदूर मध्यप्रदेश के भोपाल, रीवा और सतना जिलों से ताल्लुक रखते हैं. वे किराया चुकाकर विभिन्न वाहनों से अपने पैतृक स्थानों की ओर जा रहे थे. डीएसपी ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन कर मजदूरों को ले जा रहे दोनों वाहनों को जब्त करते हुए इनके चालकों पर संबद्ध धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मजदूरों को आश्रय स्थलों में भेजा गया है.
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