रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. लोकसभा में आये आंकड़ों से यह साफ हो गया है. 2021-22 में देश में 2 करेाड़ लोगों ने मंहगाई के कारण रसोई गैस का सिलेंडर रिफिल नहीं कराया है, जिसमें 16 लाख 40 हजार लोग मध्यप्रदेश के हैं. मध्यप्रदेश में एलपीजी के कुल उपभोक्ता 1 करेाड़ 64 लाख हैं. सामने आये आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश में एलपीजी के 10 प्रतिशत उपभोक्ता पैसा न होने के कारण सिलेंडर को रिफिल नहीं करवा पा रहे हैं. एक साल से गैस सिलेंडर रिफिल न करवा पाने के मामले में प्रदेश, देश में तीसरे नंबर पर है. सिलेंडर रिफिल न करवाने वालों में एमपी से अधिक उपभोक्ता केवल उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं. सितंबर 2021 में गैस सिलेंडर की कीमत 890 रुपये थी. जून 2022 में गैस सिलेंडर की कीमत 1062 रुपये पर पहुंच गयी है. यही एक बड़ा कारण है कि गरीब वापस चूल्हे और स्टोव पर खाना बनाने लगा है.
राजधानी के पास ग्राम बिलखिरिया के कमल वंशकार और लक्ष्मी बाई का कहना है कि उज्जवला योजना में उन्हें गैस कनेक्शन मिला था. पैसा न होने के कारण सिलेंडर नहीं भरवा पा रहे हैं. अब वापस चूल्हे का उपयोग करने लगे हैं. कांग्रेस इस मामले में सरकार के प्रति आक्रामक है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज का कहना है कि महंगाई ने आम आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है. हफीज के अनुसार हम तो पहले ही इस बात को कह रहे थे कि रसोई गैस की बड़ती कीमतों के कारण लोग सिलेंडर रिफिल नहीं करवा पा रहे हैं. अब लोकसभा में आए आंकड़ों से यह बात प्रमाणित हो गई है.
भाजपा इस मामले में बचाव की मुद्रा में हैं. भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल के अनुसार कांग्रेस ने तो 70 सालों में लोगों को गैस के कनेक्शन देने के बारे में ही नहीं सोचा था. अग्रवाल के अनुसार कुछ स्थानों पर दिक्कत है लेकिन अधिकांश लोग सिलेंडर रिफिल करवा रहे हैं.
Source : Nitendra Sharma