मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण राज्य में अब तक 225 लोगों की जान जा चुकी है. सरकार की तरफ जारी बयान के अनुसार, प्रदेश के 52 में से 36 जिलों में भारी नुकसान हुआ है. अति वर्षा से लगभग 24 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 22 लाख किसानों की 9 हजार 600 करोड़ रुपये की खरीफ फसल प्रभावित हुई है. प्रदेश में मकानों को हुई क्षति लगभग 540 करोड़ रुपये की है.
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इसी क्रम में सड़कों की क्षति का अनुमान 1566 करोड़ रुपये और लगभग 200 करोड़ रुपये का अन्य नुकसान भी हुआ है. अब तक कुल 11 हजार 906 करोड़ रुपये की क्षति हुई है. प्रदेश में बाढ़ और आकाशीय बिजली से 225 लोगों की मृत्यु हुई है, और लगभग 1400 से अधिक जानवरों की मौत हुई है.
केंद्र सरकार का दल राज्य के प्रभावित जिलों के दौरे पर है. इस दल ने गुरुवार और शुक्रवार को हालात का जायजा लिया. राज्य सरकार की ओर से इस दल के सामने नुकसान का ब्यौरा रखा गया. केंद्रीय दल को बताया गया है कि राज्य में फसलों को हुए नुकसान का आंकलन 24 सितंबर तक पूरा होगा.
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उधर, मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से पीड़ित किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को विधानसभावार धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान भाजपा नेताओं ने राज्य की कमलनाथ सरकार को किसान विरोधी बताया. राज्य में सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा का यह दूसरा बड़ा आंदोलन था, जिसमें पार्टी के तमाम नेताओं ने हिस्सा लिया. भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने किसानों को राहत दिलाने के लिए अब तक सर्वे कार्य तक शुरू नहीं किया है. किसान परेशान हैं, सरकार का रवैया किसान विरोधी है.
Source : आईएएनएस