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कर्ज से परेशान 26 वर्षीय किसान ने पिया कीटनाशक, हालत गंभीर

मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर उड़दन गांव में 26 वर्षीय किसान सुभाष विश्वकर्मा ने अपने घर में रविवार को कर्ज से परेशान होकर कथित तौर पर कीटनाशक पी कर आत्महत्या करने का प्रयास किया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर दूर उड़दन गांव में 26 वर्षीय किसान सुभाष विश्वकर्मा ने अपने घर में रविवार को कर्ज से परेशान होकर कथित तौर पर कीटनाशक पी कर आत्महत्या करने का प्रयास किया जिसके बाद उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी है. इस साल 12 सितम्बर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1.75 लाख प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास का वर्चुअल गृह प्रवेश कराया था, जिसमें सुभाष का घर भी शामिल था और उसे उसके घर पर चाय पीने का आश्वासन भी दिया था. इस दौरान सुभाष के घर में प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा लगा था और बड़े धूमधाम के साथ सुभाष व उसके परिवार का गृह प्रवेश कराया गया था.

सुभाष की पत्नी सुशीला ने बताया कि दरअसल सुभाष को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास बनाने के लिए महज 1.20 लाख रुपए ही मिले थे, जबकि उसने मकान बनाने में रिश्तेदारों व बैंक से कर्ज लेकर करीब 3 लाख रुपए खर्च कर दो मंजिला मकान बना लिया था. अब कर्जदार उसे इस कर्ज को वापस करने के लिए दबाव बना रहे थे, इसलिए उसने कीटनाशक पी लिया.

उन्होंने कहा कि गृह प्रवेश के दिन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन आधिकारी एवं कलेक्टर सहित बहुत से लोग उनके घर आये थे. इस दौरान अधिकारियों ने कहा था कि कर्ज लेकर मकान बनाया है, ऐसा किसी को नहीं कहना और यह बोलना की मेहनत-मजदूरी कर मकान बनाया है. बैतूल पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया, ‘‘उड़दन गांव के सुभाष विश्वकर्मा ने आज जहरीला पदार्थ खा लिया. उसकी हालत गंभीर है और बैतूल जिला अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. उसके द्वारा कर्ज लिए जाने की बात भी सामने आई है. यह जांच का विषय है.’ उन्होंने कहा कि सुभाष की पत्नी सुशीला ने बताया कि उसके पति ने कर्ज से परेशान होकर कीटनाशक पी लिया है.

सिमाला ने बताया कि मकान बनाने के लिए करीब ढाई लाख रुपये रिश्तेदारों व बैंक से कर्जा लिया था. वहीं, सुभाष विश्वकर्मा के आवास को प्रदेश में सबसे बेहतर बताते हुए वाहवाही लूटने का प्रयास करने वाले अधिकारी अब मकान बनाने के लिए कर्ज लेने की जानकारी से ही इंकार कर रहे हैं. जिला पंचायत के सीईओ एम एल त्यागी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कर्ज लिया है तो यह उसका व्यक्तिगत मामला है. हमें तो आवास अच्छा दिखा, इस कारण से उसका चयन किया गया था. हितग्राही ने कभी हमसे कर्ज लेने के संबंध में कोई बात साझा नहीं की है.’’

Source : Bhasha

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