शिक्षा हासिल करने और विभिन्न क्षेत्रों में काम करने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) आए जम्मू-कश्मीर के 365 छात्र व युवा शनिवार को बसों से अपने घर के लिए रवाना हो गए. कोरोना के कहर की इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार के प्रयासों के चलते युवाओं को अपने घर लौटने का मौका मिला है. भोपाल में अच्छी शिक्षा के साथ विभिन्न क्षेत्रों में काम करने आए जम्मू-कश्मीर के 365 युवा भी एहतियाती लॉकडाउन (Lockdown) के कारण फंसे हुए थे. इनकी वापसी के प्रयास राज्य सरकार ने शुरू किए. नतीजतन, शनीचर के रोज इनकी वापसी मुमकिन हो सकी.
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मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद
राजधानी के गांधी नगर स्थित सागर पब्लिक स्कूल से इन सभी को रवाना किया गया. प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में कश्मीरी छात्रों को रवाना करने से पहले सभी बसों को सेनेटाइज किया गया, उनको सागर पब्लिक स्कूल संस्थान द्वारा नाश्ता और पानी भी उपलब्ध कराया गया. अपने घर लौट रहे जम्मू-कश्मीर के युवा नागरिकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सब उनके प्रयासों से सफल हो रहा है कि हम सब अपने माता-पिता के पास पहुंच पाएंगे.
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घर भेजने के लिए 15 बसों की व्यवस्था की गई
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, कलेक्टर तरुण पिथोड़े की अगुवाई में जिला प्रशासन द्वारा शुरू कराई गई ई-पास की सुविधा का लाभ उठाकर इन कश्मीरियों ने वादियों में लौटने का आवेदन दिया था. इनमें सभी 365 कश्मीरी छात्रों को अनुमति दी गई. सभी कश्मीरी छात्र-छात्राओं को उनके घर भेजने के लिए 15 बसों की व्यवस्था की गई. जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किए गए सभी छात्र-छात्राओं सहित अन्य की मेडिकल टीमों द्वारा सेहत की जांच और थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई. इसके बाद उन्हें भोजन के पैकेट, पानी की बोतल और नाश्ता उपलब्ध कराया गया.