मध्य प्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. पिछले 48 घंटे में 5 और बच्चों की मौत की मौत हो गई है. इनमें 2 से 11 दिन की दो बच्चियों, एक सवा महीने की बच्ची, एक ढाई महीने की बच्ची और एक 7 महीने बच्ची शामिल है. शहडोल में बीते 10 में 13 नवजात बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है. हालांकि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने शहडोल जिला अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है.
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राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने अस्पताल को क्लीन चिट देते हुए कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जांच कराए जाने के आदेश दिए थे और उनकी रिपोर्ट में पाया गया कि अस्पताल के डॉक्टरों की इसमें कोई गलती नहीं थी. उन्होंने कहा कि शहडोल के जिला अस्पताल में सुविधाओं को और दुरुस्त किया जा रहा है. बता दें कि सरकार की ओर से शहडोल के जिला अस्पताल में 10 दिनों की अवधि में 13 शिशुओं की मौत के मामले में एक कमेटी बनाई गई थी.
स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि जबलपुर से एक जांच दल शहडोल भेजा गया था. जांच के बाद पता चला कि बच्चों का गाइडलाइन्स के हिसाब से ट्रीटमेंट किया गया था. जांच दल ने अस्पताल में मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का सुझाव दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुझाव के चलते हमने शहडोल में 4 अतिरिक्त डॉक्टरों को पदस्थ कर दिया है.
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प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि मेडिकल कालेज जबलपुर से सीनियर बाल चिकित्सक वर्चुअली शहडोल के डॉक्टरों से बातचीत कर बच्चों की स्थिति का रिव्यु करेंगे और सुझाव देंगे. बता दें कि इन शिशुओं की मृत्यु जिला अस्पताल में 27 नवंबर से 6 दिसंबर के बीच हुई. अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराए गए सबसे अधिक उम्र के बच्चे की आयु 7 महीने, जबकि एक नवजात शिशु मात्र दो दिन का था.
Source : News Nation Bureau