गुना में किसान परिवार पर पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने के मामले में 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. वहीं घटना स्थल का मुआयना करने के लिए आईजी भी मौके पर पहुंचे हुए हैं. इस बर्बर घटना की पूरे देश में निंदा की जा रही है. पुलिस की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. इस मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कलेक्टर और एसपी को हटा दिया है. निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में उपनिरीक्षक अशोक सिंह कुशवाहा, थाना कैंट, आरक्षक राजेन्द्र शर्मा पुलिस लाइन गुना, आरक्षक पवन यादव पुलिस लाइन, गुना, आरक्षक नरेन्द्र रावत. पुलिस लाइन, गुना महिला आरक्षक नीतू यादव, पुलिस लाइन, गुना महिला आरक्षक 849 रानी रघुवंशी, पुलिस लाइन गुना शामिल है.
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जहरीला पदार्थ खाने के बाद दंपति की हालत में सुधार
इस घटना में पुलिस की मार से घायल और जहरीला पदार्थ खाने के बाद अस्पताल पहुंचे दंपति की हालत में फ़िलहाल पहले से सुधार बताया जा रहा है. वहीं पीड़ित दंपति के बच्चों को उनके दादा-दादी के संरक्षण में रखा गया है. बता दें कि मध्यप्रदेश के गुना में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस ने किसान दंपति की लाठियों से पिटाई और इसके बाद किसान दंपति के कीटनाशक पीकर खुदकुशी करने का वीडियो सामने आने के बाद जमकर बवाल शुरू हो गया है. वीडियो सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना जिले के कलेक्टर और एसपी को फौरन हटाने का निर्देश दिया है. इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरा
मामला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान सरकार को घेरा है. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है? ये कैसा जंगल राज है? गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज.' उन्होंने कहा, 'यदि पीड़ित युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है, तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है, लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान है?'