शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार से 8वां सवाल दागा. 8वें सवाल में उन्होंने शहरी विकास को मुद्दा बनाते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने शहरी विकास के नाम पर लोगों को बरगलाने का काम किया है. कई योजनाओं के फंड मिले ही नहीं और जिसमें मिले, उसमें खर्च ही नहीं हुए.
कमलनाथ के सवाल
1) अमृत (AMRUT) -25-6-2015 को लांच किया गया.
2015 से 2018-
प्रोजेक्ट स्वीकृत 6200.62 करोड़, भेजे सिर्फ़ 528.31 करोड़, मामा ने ख़र्च किये सिर्फ़ 389.75 करोड़.
वर्ष 2015-16 - (134 cr), 2016-17-(172cr), 2017-18 (211.61cr)
2) स्मार्ट सिटी -25-6-2015 को लांच किया.
मध्यप्रदेश की योजना के लिए स्वीकृत किये 12,685 करोड़, केंद्र से जारी किए मात्र 1020 करोड़.
2015-16 में जारी किए- 386 करोड़
2016-17 में जारी किए 394 करोड़
2017-18 में जारी किए मात्र 240 करोड़
3) स्वच्छ भारत का पीटा सिर्फ़ ढिंढोरा. मध्यप्रदेश में कुल ख़र्च किए सिर्फ 721- करोड़.
वर्ष 2015-16 में 135.80 करोड़, वर्ष 2016-17 में 270 करोड़, 2017-18 में मात्र 293 करोड़.
4) प्रधानमंत्री आवास योजना - केंद्र ने स्वीकृत किये 7007.38 करोड़, केंद्र ने भेजे 1488.64 करोड़, घर बनने थे 4लाख 59 हजार 395, घर पूरे हुए: 33,765.
5) मोदी-मामा एक समान,
भाषणों के अलावा दूजा नहीं काम।
ख़ुद मोदी सरकार की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट कहती है कि मोदी सरकार ने शहरी विकास के उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में अब तक मात्र 21.6% राशि ही ख़र्च की है.
अमृत (AMRUT) में राशि खर्च मात्र - 28%
हृदय (HRIDAY)-में राशि खर्च मात्र - 13.58%
स्मार्ट सिटी -में तो राशि ख़र्च मात्र - 1.38%
स्वच्छ भारत -में राशि खर्च मात्र - 38.01%
पीएम आवास योजना -में राशि खर्च मात्र-20.78%
सोर्स: केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय,पिनाकी मिश्रा कमेटी रिपोर्ट
40 दिन 40 सवाल
"मोदी सरकार के मुंह से जानिए,
मामा सरकार की बदहाली का हाल।"