जबलपुर में बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमेन पीसी सिंह पर ईओडब्ल्यू के छापे की कार्यवाही में धर्मान्तरण को लेकर प्रमाण मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर सख्त नजर आ रहे हैं. सीएम ने मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिया है कि धन का उपयोग कर और लोगों केा बहका कर धर्मान्तरण के काम में लगी संस्थाओं की छानबीन की जाए. ऐसी संस्थाओं पर सख्त कार्यवाही के भी सीएम ने निर्देश दिये हैं. सीएम के निर्देश के बाद खासतौर पर धर्मान्तरण के काम में लगी संस्थाओं को चिन्हित कर शिकंजा कसने की तैयारी प्रारंभ हो गई है.
आदिवासी इलाकों में हो रहा तेजी से धर्मांतरण
कई संस्थाओं द्वारा ट्रस्ट के नाम पर जमीन लीज पर ली जाती है. इसमें लीज दिये जाने की शर्तें निर्धारित होती हैं. जमीन शैक्षणिक कार्य, चिकित्सा संबंधी कार्य, धर्मस्थल आदि कार्यों के लिये दी जाती हैं. सरकार सबसे पहले इस बात की जांच करायेगी कि जिस उद्वेश्य के लिये जमीन दी गयी है उसका उपयोग उससे इतर तो नहीं हो रहा है. आदिवासी इलाकों में धर्मान्तरण के मामले लगातार सामने आते हैं. धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बैतूल, मंडला, डिण्डोरी जिलों में धर्मान्तरण के प्रकरण लगातार आते हैं. इन जिलों में धार्मिक संस्थाओं की जांच करवाने केा भी कहा है जो कि धर्मान्तरण के काम में लगे हैं.
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आरएसएस लगातार धर्मांतरण के खिलाफ चला रहा अभियान
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी लगातार धर्मान्तरण के खिलाफ अभियान चलाता रहा है. आरएसएस के आनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम के द्वारा भी लगातार वनवासी क्षेत्रों में धर्मान्तरण के खिलाफ अभियान चलाया जाता रहा है. सीएम के धर्मान्तरण के काम में लगे बिशप सिंह की तरह के लोगों पर सख्त कार्यवाही के निर्देशों से आरएसएस को धर्मान्तरण रोकने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही सरकार इस निर्णय से आरएसएस को प्रसन्न करने की मुद्रा में है. राज्य सरकार के द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक लागू करके भी धर्मान्तरण पर शिकंजा कसने का प्रयास किया है. अब धर्मान्तरण करवाने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई कर सरकार इस मामले में और सख्त तेवर दिखाने जा रही है.
HIGHLIGHTS
- एमपी में धर्मांतरण पर सीएम सख्त
- बिशप के घर छापे में मिली भारी नकदी
- एमपी सरकार उठा रही कड़े कदम