कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को गिराने के बाद भारतीय जनता पार्टी की आंखें मध्य प्रदेश सरकार को तरेरने में लगी थी, मगर मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक मास्टर स्ट्रोक से पूरी बीजेपी ही हिल गई है. मध्य प्रदेश बीजेपी में विधायकों के टूटने के बाद लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. ताजा हालात में बीजेपी अपने दोनों विधायकों पर कार्रवाई करने के लिए वेट एंड वॉच की मुद्रा में है. दरअसल, पार्टी के पास सदन में 108 का संख्या बल था और 2 विधायकों के छिटकने से यह संख्या घटकर 106 रह गई है. लिहाजा बीजेपी फिलहाल इस मामले में फिलहाल देखो और इंतजार करो की रणनीति ही अपनाना चाहती है. इसी दौरान पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह आज दिल्ली पहुंचेंगे, जहां पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उनसे घटनाक्रम का फीडबैक लेंगे.
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उधर, सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय जनता पार्टी विधानसभा में बगावत करने वाले दोनों विधायकों पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं करेगी. पार्टी अभी दोनों बागी विधायकों को मनाने की कोशिश करेगी. बीजेपी मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी को मनाएगी, तो वहीं पार्टी की ओर से ब्यौहारी से विधायक शरद कोल को भी मनाने की कोशिश की जाएगी. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा में क्रॉस वोटिंग से अमित शाह बेहद नाराज हैं और यही वजह से की पार्टी हाईकमान ने मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह को दिल्ली तलब किया है.
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सदन में जब वोटिंग की स्थिति बनी तो बीजेपी सियासी रणनीति बनाने में कैसे चूक गई ? दंड संशोधन विधेयक पर बीजेपी के दो विधायक कांग्रेस के पक्ष में वोट किया और पार्टी को भनक तक नहीं लगी. क्या वाकई बीजेपी विधायक दल विधेयक पर वोटिंग नहीं चाहता था तो उसे वॉकआउट करना चाहिए था. ऐसा न कर बीजेपी खुद ही कांग्रेस की रणनीति को कामयाबी होने दिया. अब पार्टी क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी या फिर रूठों को मनाने का काम होगा. ये तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा.
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