मध्य प्रदेश में विधायकों को 50 हजार तक के फ्री लैपटॉप के साथ ही घर और गाड़ी के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाने के बाद अब माननीयों को एक और सौगात देने पर विचार किया जा रहा है. विधायकों को हाईटेक मोबाइल फोन मुफ्त में दिए जाने पर विधानसभा की समिति विचार कर रही है. खास बात यह है कि इस समिति की अध्यक्षता विधानसभा की उपाध्यक्ष हिना कावरे कर रही हैं, तो वहीं संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह को भी इसमें शामिल किया गया है. इसके अलावा पक्ष और विपक्ष के कई विधायक भी इस समिति में शामिल हैं.
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समिति ने विधायकों को सुविधाएं देने के मॉडल पर काम करने के लिए पड़ोसी राज्यों का अध्ययन करना शुरू कर दिया है. अगले एक महीने में इस पर फैसला होने की उम्मीद है और समिति अपनी अनुशंसा है विधानसभा अध्यक्ष को सौप देगी. हम आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विधायकों को घर और गाड़ी खरीदने के लिए पहले ही सस्ती दरों पर कर्ज दिए जाने की व्यवस्था है और इस कर्ज को चुकाने की अवधि भी आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है. वही हाल ही में तमाम विधायकों को 50 हजार रुपये कीमत का लैपटॉप मुफ्त में दिए जाने का फैसला भी लिया जा चुका है.
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गौरतलब है कि जब पिछली शिवराज सरकार ने विधायकों को 30 हजार के लैपटॉप देने का फैसला लिया था, तो कांग्रेस ने उसका भारी विरोध किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद खुद कांग्रेस ने विधायकों को 50 हजार के लैपटॉप देने की योजना बनाई है. कमलनाथ सरकार दावे कर रही है कि जो फिजूल की शिवराज सरकार की योजनाएं थी उसे बंद कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर सरकार एक बार फिर से फिजूलखर्ची करने जा रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश के विधायकों को 10 हजार रुपए टेलीफोन भत्ता मिलता है. इसके अलावा कुल वेतन भत्ता 1 लाख 25 हजार है. सरकार ने मकान कर्ज की सीमा भी बढ़ाई थी.
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