पहचान बताने पर ही खरगोन में मिलेगा प्रवेश, एमपी में भी कोरोना कहर

सूबे के कई जिलों में कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे जिलों में खरगोन भी शामिल है. यहां अब बाहरी लोगों को तभी प्रवेश मिलेगा, जब वे अपनी पहचान बताएंगे.

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Nihar Saxena
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मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ उठाए जा रहे कड़े कदम.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है. यही कारण है कि सरकार को ज्यादा प्रभावित जिलों में रविवार को पूर्णबंदी से लेकर रात का कर्फ्यू और स्कूल-कॉलेज तक को बंद करने के फैसले लेने पड़ रहे है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी राज्य के कई जिलों के बिगड़़ते हालात पर चिंता जता चुके हैं. सूबे के कई जिलों में कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे जिलों में खरगोन भी शामिल है. यहां अब बाहरी लोगों को तभी प्रवेश मिलेगा, जब वे अपनी पहचान बताएंगे. खरगोन जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए है. इसके तहत शनिवार और रविवार को दो दिन की पूर्णबंदी रखी गई थी. अब प्रशासन ने जिले की सीमा में प्रवेश करने वालों का ब्यौरा दर्ज करने की कार्रवाई शुरु की है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिये पूर्व निर्देशों को यथावत रखते हुए अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिन्दवाड़ा, खरगौन एवं रतलाम शहरों में 15 अप्रैल 2021 तक समस्त स्कूल-कॉलेज में शिक्षण बंद रहेगा.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले की सीमाओं पर 13 नाके स्थापित किए गए है, जहां से गुजरने वालो के नाम पता और नंबरों सहित जिस स्थान से आ रहे है और जहां जा रहे है, इसका ब्यौरा दर्ज किया जाएगा. इसका मकसद संक्रमित व्यक्ति को बचाया और संक्रमण को रोकना है. ये नाके महाराष्ट्र से आने वाले मार्ग, इंदौर से आने वाले मार्ग के अलावा खंडवा और बड़वानी कि ओर से आने वाले मार्गों पर बनाए गए है.

राज्य में सबसे ज्यादा बुरे हालात इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खरगोन, उज्जैन, बैतूल के हैं. यहां मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. मध्य प्रदेश देश के उन आठ राज्यों में शामिल हो गया है, जहां एक दिन में सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया है कि आठ राज्यों से रोजाना सामने आ रहे दैनिक मामले कुल मामलों में से 84.61 प्रतिशत हैं. इन आठ राज्यों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश शामिल हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के उपचार की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं. एक ओर जहां कोरोना के इलाज के लिए सभी जिलों में बेड बढ़ाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैक्सीनेशन के कार्य को भी गति दी जा रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री चौहान इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खरगोन की स्थिति पर चिंता जता चुके हैं. उनका कहना है कि इन स्थानों पर कुछ माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना को नियंत्रित किया जाए.

राज्य में कोरोना के उपचार के लिए प्रदेश के अस्पतालों में 15 हजार से अधिक बेड बढ़ाए जा रहे हैं. वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना के लिए सामान्य, ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की कुल संख्या 20 हजार 139 है, जिसे बढ़ाकर 35 हजार 621 किया जा रहा है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि राज्य में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर आगामी 15 अप्रैल, 2021 तक महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश आवागमन करने वाली बसों के परिवहन को प्रतिबंधित किया गया है.

HIGHLIGHTS

  • मध्य प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा
  • महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों को देना होगा पूरा विवरण
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए सख्ती के निर्देश
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