मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन द्वारा बुलाया गया तीन दिवसीय आंदोलन मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से मिले आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि किसानों की समस्याओं को लेकर बुधवार की रात मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसानों की कर्ज माफी होगी, बैंकों से नोटिस नहीं आएंगे और खाद-बीज भी समितियों से मिलता रहेगा. इस आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया है.
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बता दें कि किसानों की कर्ज माफी में आ रही दिक्कत, खाद-बीज न मिलने की शिकायतों और बैंकों के नोटिस आने पर आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने की आशंका के चलते किसान यूनियन ने बुधवार से तीन दिवसीय प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू किया था. पहले दिन आंदोलन का मिला-जुला असर रहा था.
कुछ जगहों पर किसान संगठनों ने सब्जी और दूध की सप्लाई रोक दी थी. किसानों ने सांकेतिक रूप से सब्जियां सड़क पर फेंकी. इसके अलावा कई जगहों पर किसानों ने सड़कों पर दूध बहाया. हालांकि मंडियों में सब्जी की आवक सामान्य रही. News State की टीम ने करोंद मंडी का दौरा किया, जहां गांव से किसान फल और सब्जी बेचने आते हैं और आंदोलन के पहले दिन भी किसान यहां पहुंचे.
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इसके अलावा भारतीय किसान मजदूर महासंघ ने भी एक जून से पांच जून तक आंदोलन का ऐलान किया था. इस आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की बुधवार दोपहर को महासंघ के प्रतिनिधियों से चर्चा हुई और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद निराकरण का आश्वासन दिया. किसानों की समस्याओं के निपटारे के लिए राज्य स्तरीय समिति बनाने का भी निर्णय हुआ. इसके बाद महासंघ ने प्रस्तावित हड़ताल को वापस ले लिया.
ये थीं किसानों की मांगें
- जल्द से जल्द स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए.
- मंडी में उपज को समर्थन मूल्य से नीचे खरीदने पर रोक लगे.
- किसान कर्ज माफी की घोषणा पूर्णरूप से स्पष्ट हो.
- 2 लाख रुपये कर कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से धन राशि दी जाए.
- फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए.
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