छिदवाड़ा जिला अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन फेल होने के बाद 4 मरीजों के आंखों की रोशनी चली गई है. मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद दिखाई न देना एक बेहद गंभीर मुद्दा है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन और नेत्र विभाग ने लापरवाह रवैय्या अपनाया हुआ है. जब मरीजों ने अपनी समस्या बताई तो उन्होंने कोई जिम्मेदारी लेने के बजाए मरीजों को सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय बैरागढ़ भोपाल रेफर कर दिया. आंखों की रोशनी गंवा चुके मरीज और उनके परिजन अब न्याय के लिए भटक रहे हैं.
यह भी पढ़ें- चीनी नागरिक भारत में आकर ताजमहल के ऊपर उड़ा रहा था ड्रोन, पकड़ा गया
जिला अस्पताल में 11 और 19 सितंबर को मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चार मरीज भर्ती किए गए थे. सभी जांचों के बाद 25 सितंबर को नेत्र रोग विशेषज्ञ ने चारो मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया था. 27 सितंबर को इन मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी.
यह भी पढ़ें- यूपी विधानसभा में बनेगा रिकॉर्ड; बिना विपक्ष आज से लगातार 36 घंटे चलेगा विशेष सत्र
ऑपरेशन के बाद पीड़ितों के परिजनों ने कहा कि जब समस्या आई तो वह दोबारा डॉक्टरों के पास गए. जहां डॉक्टरों ने कह दिया कि सरकारी अस्पताल में अगर ऑपरेशन सफल नहीं होता तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होती. आगे इलाज के लिए मरीज को भोपाल के बैरागढ़ ले जाएं.
यह भी पढ़ें- जल गई रोटी तो शौहर ने दे दिया तलाक, दो बच्चों के साथ घर से भी निकाला
आपको बता दें कि इंदौर के आंख अस्पताल में अगस्त में मोतियाबिंद ऑपरेश फेल होने से 11 मरीजों के आंखों की रोशनी चली गई थी. इस घटना के ठीक बाद यह मामला जिला अस्पताल में देखने को मिला है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो