Advertisment

कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा -महामारी को मात देने के बाद बोले डॉक्टर

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी के तीन गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी का महत्वाकांक्षी प्रयोग शुरू किया गया है.

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
Corona

कोविड 19( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में इस महामारी के तीन गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी का महत्वाकांक्षी प्रयोग शुरू किया गया है. खास बात यह है कि इन मरीजों को प्लाज्मा दान के लिये वे दो डॉक्टर आगे आये हैं जो इलाज के बाद इस महामारी को मात दे चुके हैं. श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने सोमवार को बताया, "हमारे अस्पताल में कोविड-19 के तीन गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग शुरू किया गया है. इन मरीजों की उम्र 30 से 60 वर्ष के बीच है, जिनमें एक महिला शामिल है."

उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि कोविड-19 के तीनों मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के प्रयोग का सकारात्मक असर दिखायी देगा। हालांकि, यह प्रयोग अगले 14 दिन तक चल सकता है। लिहाजा इसके नतीजों को लेकर अभी पक्के तौर पर कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।" डोसी ने बताया कि प्लाज्मा थैरेपी के प्रयोग के दौरान तीनों मरीजों को उन व्यक्तियों का प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है जो इलाज के बाद कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त हो गये हैं. इस प्रयोग के लिये दो डॉक्टरों ने प्लाज्मा दानदाता बनकर पहल की है. दोनों डॉक्टर सैम्स में ही इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण की जद से बाहर आये हैं. हालांकि, वे इस निजी अस्पताल में काम नहीं करते. प्लाज्मा दान करने वाले डॉक्टरों में इजहार मुंशी (54) शामिल हैं.

एमडी डॉक्टर मुंशी ने बताया, "जब मुझे प्लाज्मा दान के लिये कहा गया, तो मैंने फौरन हां कर दी. मेरे मन में एक ही नारा गूंज रहा है-कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा." मुंशी ने कहा, "मैंने सैम्स से ऐसे 60 लोगों की सूची ली है, जो इलाज के बाद कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. मैं ऐसे लोगों से प्लाज्मा दान करने का अनुरोध करूंगा." प्लाज्मा दान करने वाले एक अन्य डॉक्टर इकबाल नबी कुरैशी (39) यकृत रोग विशेषज्ञ हैं. कुरैशी ने कहा, "मैंने कोविड-19 से लड़ाई में अपने स्तर पर छोटी-सी भूमिका निभायी है."

कोरोना वायरस को मात देने वाले 39 वर्षीय डॉक्टर ने कहा, "लोगों को इस महामारी को लेकर खौफजदा होने की जरूरत नहीं है. उचित इलाज के बाद इसके ज्यादातर मरीज ठीक हो जाते हैं. हालांकि, यह तेजी से फैलने वाली बीमारी है. लिहाजा इससे बचाव के लिए पूरी सावधानी बरती जानी चाहिये." जानकारों ने बताया कि कोविड-19 से पूरी तरह उबर चुके लोगों के खून में एंटीबॉडीज बन जाती हैं जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है. फिर इस स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा को महामारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में डाला जाता है ताकि उसे संक्रमणमुक्त होने में मदद मिल सके. कोविड-19 मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के असर को लेकर दुनिया भर के मेडिकल समुदाय में बहस चल रही है.

Source : Bhasha

covid-19 corona-virus corona corona pandemic Corona India Plazma Therepy
Advertisment
Advertisment