MP के सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, कमलनाथ बोले- सरकार अस्थिर करने वाले नहीं होंगे कामयाब

कमलनाथ ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे. सभी इस्तीफे को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश की सियासत में नया भूचाल आ गया है.

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Sushil Kumar
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कमलनाथ (फाइल फोटो)( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. भोपाल में कैबिनेट बैठक के बाद सभी मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) को इस्तीफा सौंप दिया है. इसके बाद कमलनाथ ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे. सभी इस्तीफे को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश की सियासत में नया भूचाल आ गया है. सभी 16 कैबिनेट मंत्री जो सीएम कमलनाथ के साथ बैठक में मौजूद थे, उन्होंने अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया है. जिसे स्वीकार कर लिया गया है. बैठक में केवल 16 कैबिनेट मंत्री उपस्थित थे.

बेंगलुरु गए विधायक पार्टी में वापस आएंगे

सीएम कमलनाथ को फिर से कैबिनेट का गठन करने और जरूरत के मुताबिक मंत्रियों को चुनने की आजादी दी गई है. सीएम कमलनाथ से जुड़े नजदीकी सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु गए विधायक पार्टी में वापस आ जाएंगे. लेकिन इस घटना के बाद अब कयास भी लगाए जाने लगे हैं कि क्या बीजेपी फिर सत्ता पर काबिज हो सकती है. बीजेपी को सरकार बनाने के लिए सिर्फ 7 विधायकों की जरूरत है. होली के दिन पर देखना दिलचस्प होगा कि किसकी होली मनेगी और किसकी बेरंग रहेगी. 

मध्य प्रदेश की सियासत गरमाई 

सोमवार को जब कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीएम मोदी से मुलाकात की है. तब से मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी भी सिंधिया के स्वागत में राहें बिछा रखी है. सिंधिया के वापस आने से सूबे में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो सकती है. इसके लिए बीजेपी पूरा दम लगा दिया है. वहीं कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ​​ने कहा कि सभी 20 मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. सीएम अब राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर सकते हैं. सभी साथ हैं, ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कांग्रेस के साथ हैं. आगर मंत्रिमंडल बनाना है, तो तो सरकार सुरक्षित है.

22 मंत्रियों ने सीएम को अपना इस्‍तीफा सौंपा

सिंधिया खेमे के मंत्रियों और कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ होने से मध्‍य प्रदेश की राजनीति में नया संकट खड़ा हो गया है. इसके बाद बैठकों का दौर जारी रहा और फिर कैबिनेट बैठक में कमलनाथ समर्थक सभी 22 मंत्रियों ने सीएम को अपना इस्‍तीफा सौंपकर भरोसा जताया है. जबकि सीएम कमलनाथ ने साफ कहा है कि मैं माफियाओं को अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने दूंगा. कयास ये भी लगाया जा रहा है कि कमलनाथ की सरकार गिर सकती है. मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट है. लेकिन वर्तमान में 2 विधायकों के निधन के कारण अभी विधानसभा में 228 विधायक हैं.

कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं

कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं. जबकि उसे 2 बीएसपी, एक समाजवादी पार्टी और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है. एक विधायक जो बीएसपी का है उसे पार्टी निलंबित कर चुकी हैं. कमलनाथ के पास अभी 121 विधायकों का समर्थन है. 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 116 विधायकों का समर्थन जरूरी है. मतलब कमलनाथ के पास बहुमत से 5 सीट ज्यादा है. दूसरी तरफ बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. अगर कांग्रेस के 17 विधायक बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो कमलनाथ की सरकार गिर सकती है और बीजेपी की सरकार बन सकती है.

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