लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. उनकी उपज का खरीदार नहीं मिलने की वजह से कई चीजें खराब हो गई. मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की चिंता को दूर करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. शिवराज सरकार ने मंडी अधिनियम में संशोधन किया है. जिसके बाद किसानों की उपज अब निजी मंडियां भी खरीद सकती है.
सीएम शिवराज सिंह (Shivraj singh) ने घोषणा करते हुए कहा कि व्यापारी, फूड प्रोसेसर, एक्सपोर्टर आदि अब निजी मंडी खोल सकते हैं. मंडी से जुड़े लोग किसान के घर जाकर या खेत में पैदावार खरीदेंगे. मंडी अधिनियम में कई संशोधन किए गए हैं.
शिवराज सिंह ने कहा कि इनके लागू होने से अब किसान अब घर बैठे ही अपनी फसल निजी व्यापारियों को बेच सकेंगे और किसानों को मंडी जाने की बाध्यता नहीं होगी. इसके साथ ही, उनके पास मंडी में जाकर फसल बेचने तथा समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचने का विकल्प भी जारी रहेगा.
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सीएम चौहान ने कहा कि अधिक प्रतिस्पर्धी व्यवस्था बनाकर हमने किसानों के हित में यह प्रयास किया है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों को मंडी अधिनियम में किए गए संशोधनों की जानकारी दी.
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, जल-संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब व्यापारी लाइसेंस लेकर किसानों के घर पर जाकर अथवा खेत पर उनकी फसल खरीद सकेंगे. पूरे प्रदेश के लिए एक लाइसेंस रहेगा. व्यापारी कहीं भी फसल खरीद सकेंगे. उन्होंने बताया कि हमने ई-ट्रेडिंग व्यवस्था भी लागू की है, जिसमें पूरे देश की मंडियों के दाम किसानों को उपलब्ध रहेंगे. वे देश की किसी भी मंडी में, जहाँ उनकी फसलों का अधिक दाम मिले, सौदा कर सकेंगे.
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चौहान ने बताया कि इस बार हमने प्रदेश में सौदा पत्रक व्यवस्था लागू की है. इसके माध्यम से व्यापारी किसानों से उनकी फसल घर से ही खरीद रहे हैं. मंडियों की खरीद की लगभग 80% खरीदी सौदा पत्रकों के माध्यम से हुई है तथा किसानों को इससे उनकी उपज का अच्छा मूल्य भी प्राप्त हुआ है. इस प्रयोग के परिणाम सकारात्मक होने के कारण हमने मंडी अधिनियम में संशोधन किये हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि अब सात नए प्रावधानों को मंडी अधिनियम में शामिल किया गया है.
(इनपुट भाषा)