हमलोग इतिहास की किताबों में यही पढ़ते आ रहे हैं कि अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने किया था. क्रिस्टोरफर ने 1492 में अपने पहले यात्रा के दौरान इसकी खोज की थी. हालांकि यह कहना पूरी तरह से भी सही नहीं माना जाता है कि क्रिस्टोफर ने पूरी तरह से अमेरिका की खोज की थी क्योंकि वहां पर पहले से भी स्वेदशी लोगों का निवास था. फिर भी इतिहास में अमेरिका की खोज का श्रेय किस्ट्रोफर कोलंबस को ही दिया जाता है. वह एक इतालवी नाविक था. दरअसल, कोलंबस खोज में तो स्पेन की निकले थे, लेकिन वह अमेरिका पहुंच गए थे. वहीं, इस बीच मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अमेरिका की खोज को लेकर बड़ा बयान दिया है.
'अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं भारतीय ने की'
इंदर सिंह परमार बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में पहुंचे थे. बीयू कॉलेज के दीक्षा समारोह में परमार ने यह बात कही है. बता दें कि बीयू देश का पहला यूनिवर्सिटी है, जो छात्रों को ऑनलाइन डिग्री और मार्कशीट देगा. इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी तक छात्रों को इतिहास में गलत पढ़ाया जा रहा है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने की. दरअसल, इसकी खोज भारतीयों ने की थी. इसके कई सबूत आज भी मौजूद हैं. इसके साथ ही परमार ने यह भी कहा कि भारत की खोज भी वास्कोडिगामा ने नहीं की थी.
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'इतिहासकारों ने तथ्यों को छिपाया और गलत साक्ष्य पेश किए'
इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वास्कोडिगामा ने अपनी किताब में लिखा है कि उनके जहाज के आगे-आगे चंदन नाम के व्यापारी का जहाज चल रहा था. दरअसल, चंदन व्यापार के लिए अफ्रीका गया था. जहां उसकी मुलाकात वास्कोडिगामा से हुई. इस दौरान वास्कोडिगामा ने चंदन से कहा कि वह भी भारत देखना चाहता है. तब चंदन ने कहा कि वह भारत वापस जाने वाला है तो उसके साथ चल ले और भारत देख ले. जिसके बाद चंदन के जहाज के पीछे-पीछे वास्कोडिगामा भारत पहुंचा था. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने भारतीयों की ताकत को कम करके दिखाया और झूठे तथ्यों को दुनिया के सामने पेश किया गया. हमें यह गलत पढ़ाया गया कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की.